Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अतिरिक्त टीकाकरण के लिए अनुशंसा स अपील, रायपुर एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स ने पत्र किया जारी

रायपुर।       हमारे देश में सरकार द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम वर्ष 1978 से आरंभ किया गया। इसमें शुरुआत में पांच गंभीर बीमारियों – पोलियो, टीबी, गलगोंटू, काली खांसी, और टिटेनस से बचाव के लिए दिया जाता था। धीरे धीरे इसमें अन्य बीमारियों के टीके मसलन हेपेटाइटिस बी, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा बी आदि के टीके शामिल किए गए। सरकार के इस टीकाकरण कार्यक्रम से कई महत्वपूर्ण सफलताएं प्राप्त हुईं , जैसे हमारे देश से पोलियो का पूर्णतः उन्मूलन हो गया। स्माल पॉक्स (बड़ी माता) का उन्मूलन भी टीकाकरण द्वारा पहले ही किया जा चुका था। कई अन्य गंभीर बीमारियों में भी भारी कमी आई।


इन सबके बावजूद कई अन्य गंभीर बीमारियां हैं, जिनके टीके उपलब्ध हैं, किंतु किन्ही कारणों से उन्हें शासकीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है और इन्हें शासकीय अस्पतालों और टीकाकरण केंद्रों में नहीं लगाया जा रहा है। हालकि इनके लगाने की अनुशंसा देश के शिशु रोग विशेषज्ञों की शीर्ष संस्था इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, और अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल भी करती है। ये टीके भी कई गंभीर रोगों से बचाव के लिए दिए जाते हैं , जैसे टायफाइड, मम्प्स, इन्फ्लूएंजा / स्वाइन फ्लू, हेपेटाइटिस ए, चिकन पॉक्स, जैपनीज एंसेफेलाइटिस आदि। इन बीमारियों से कई गंभीर कॉम्प्लिकेशंस भी होने की संभावना रहती है। इनके अलावा महिलाओं में होने वाली बच्चेदानी के मूंह का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) से बचाव के लिए भी एच पी वी का टीका उपलब्ध है जिसे सभी बच्चियों को दिया जाना चाहिए।
ये सभी टीके शिशु रोग विशेषज्ञों के द्वारा दिए जा रहे हैं।
कुछ अन्य टीके जैसे मेनिंगोकोकल, न्यूमोकोकल पॉलीसैकेराइड, आदि टीके विशेष परिस्थितियों जैसे सिकल सेल, दिल की बीमारी, गुर्दे की बीमारी, फेफड़े की बीमारी आदि में डाक्टर की सलाह से दिए जाते हैं।


अतः रायपुर एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स के अध्यक्ष वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राम मनोहर, संस्था के सचिव डॉ कमल मोदी, व रायपुर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप वर्मा, जनहित में यह पत्र जारी कर जनता द्वारा उपरोक्त टीके लगवाने की अनुशंसा करते हैं।