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NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

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ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

नियमो में शिथिलता से ही शिक्षा में गुणवत्ता सम्भव : प्रो शुक्ला

रायपुर-  स्थानीय गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय एवं विवेकानंद महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय प्राध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम (FDP ) का उद्घाटन हुआ इस अवसर पर डॉक्टर सच्चिदानंद शुक्ला कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रोफेसर राजीव चौधरी शारीरिक शिक्षा अध्ययनशाला पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर एवं डॉ मनोज मिश्रा प्राचार्य विवेकानंद महाविद्यालय डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी प्राचार्य महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय तथा आरके गुप्ता उपाध्यक्ष शिक्षा प्रचारक समिति की विशेष उपस्थिति रही।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की महत्व पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा यह प्रशिक्षण कार्यशाला बेहद अच्छे माहौल में शुरुआत होने जा रही है सभी सत्र रोचक और महत्वपूर्ण होंगे यहां मौजूद सभी शिक्षक इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भागीदारी देकर उपयोगी ज्ञान अर्जित करने में सफल होंगे ऐसी उम्मीद है कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डॉक्टर सच्चिदानंद शुक्ला कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विद्यालय ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता और तकनीक काफी चुनौतीपूर्ण है ऐसा दौर आने वाला है।

जब सभी शिक्षकों को तकनीक आधारित शिक्षा से स्वयं को अपडेट करना होगा उन्होंने सुझाव दिया की पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय मदन मोहन मालवीय ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से ऐसे गुणवत्तापूर्ण प्रोग्राम चलाए जा सकते हैं जिसमें रवि शंकर विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से सहयोग प्रदान करने तैयार है उनका कहना था कि भारत एक समय विश्व गुरु था तमाम विश्व के देश भारत में अध्ययन के लिए आते थे परंतु ग्लोबल पैरामीटर ने इस मिथक को बदल दिया और आज भारत पीछे हो गया है उन्होंने बताया कि शिक्षकीय कार्य मे शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान है आने वाले दिनों में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है जिसमें राज्य के सभी विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालय की भागीदारी होगी ऐसी अपेक्षा जा रही है उनका कहना था कि शिक्षा में होने वाले परिवर्तन को शिक्षकों को अपनाना चाहिए और विद्यार्थियों को भी लाभ देकर उत्तम स्थिति में पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।

कुलपति डॉक्टर शुक्ला ने कहा इस फैकल्टी डेवलप कार्यक्रम में महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं विवेकानंद महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं सम्मिलित हो रहे हैं जो 5 दिनों तक ज्ञान को अपग्रेड करेंगे शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले इनोवेशन , संस्कृति परंपरा और नैतिक शिक्षा की परंपरा को बनाए रखना होगा आज भी विदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय मूल्य पर काम किया जा रहा है हमारे ज्ञान का भंडार है लेकिन मेहनत नहीं कर पा रहे हैं नई शिक्षा नीति इंटरफेस प्रोग्राम को महत्व देती है उन्होंने बताया कि आज भी नॉलेज की पूजा होती है इसलिए अध्ययन और अध्यापन पर दिलचस्पी रखने वालों को सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है सबसे अच्छा रिसर्च हुआ है जो अन्य विषयों में जाकर किया जा सके कुलपति ने इस बात पर चिता जाहिर की कि वह सपोर्ट शिक्षा के प्रति दिलचस्पी कम होते जा रही है उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान का विद्यार्थी कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम करता है तो यह बेहद महत्वपूर्ण होगा और आने वाले दिनों में इसकी जरूरत भी है अर्थशास्त्र समाजशास्त्र प्रबंधन और तकनीक एक मंच पर आकर बैठते हैं तो मार्केटिंग वैल्यू बढ़ जाती है किंतु विश्वविद्यालय को शोध अध्ययन को नियमों में बांध दिया है जिससे छुटकारा दिलाने की आवश्यकता है वह प्रयास कर रहे है कार्यशाला के प्रथम सत्र में रिसेंट ट्रेंड इन सोशल रिसर्च इन्नोवेशन एंड प्रैक्टिस विषय पर प्रोफेसर राजीव चौधरी मुख्य की नोट स्पीकर ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा और शोध अध्ययन के क्षेत्र में बहुआयामी तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है उन्होंने उक्त विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि सांख्यिकी तकनीकी की जानकारी शोध और सुधरता को होना चाहिए उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह बताया कि रिसेंट ट्रेंड में कौन-कौन सी ऐसी तकनीक हैं जिससे शोध रिसर्च के क्षेत्र में परिणाम का आकलन किया जा सकता है उनका कहना था कि सबसे पहले आंकड़ों का एकत्रीकरण करना चाहिए फिर उसके बाद सांख्यिकी तकनीक से जिसमें पैरामेट्रिक सांख्यिकी नोंन पैरामेट्रिक सांख्यिकी की तकनीक आती है जिससे अनुपमापन किया जा सकता है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर जयचंद्र एवं अपूर्व शर्मा ने की कार्यक्रम में दोनों महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण सम्मिलित हुए.