Special Story

प्राचार्य पदोन्नति पर हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ताओं की दलीलें जारी, सुनवाई कल भी जारी रहेगी

प्राचार्य पदोन्नति पर हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ताओं की दलीलें जारी, सुनवाई कल भी जारी रहेगी

ShivJun 12, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में लंबे समय से लंबित प्राचार्य पदोन्नति विवाद…

हम सभी की साझी भागीदारी से ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प होगा पूरा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

हम सभी की साझी भागीदारी से ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प होगा पूरा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivJun 12, 20253 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय…

अहमदाबाद में प्लैन क्रैश, 242 लोग थे सवार, लंदन जा रही थी फ्लाइट

अहमदाबाद में प्लैन क्रैश, 242 लोग थे सवार, लंदन जा रही थी फ्लाइट

ShivJun 12, 20251 min read

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान टेक…

June 12, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित सामग्री की होगी गुणवत्ता जांच, 15 दिन में मांगी गई रिपोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित की जा रही सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में विशेष जांच समिति का गठन किया है, जो रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजी गई सामग्रियों की जांच करेगी.

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए विभागीय सचिव शम्मी आबिदी को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री ने कहा, “बच्चों और महिलाओं के पोषण से जुड़ी सामग्री की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

जांच समिति में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं:

  • संयुक्त संचालक (वित्त), महिला एवं बाल विकास संचालनालय – अध्यक्ष
  • प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी द्वारा नामित प्रतिनिधि – सदस्य
  • जीईसी रायपुर और निजी कंपनियों के तकनीकी विशेषज्ञ – सदस्य
  • संबंधित जिलों के कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक संचालक, आईसीडीएस – संयोजक

समिति को भौतिक जांच और गुणवत्ता परीक्षण के साथ-साथ संदेहास्पद नमूनों को प्रयोगशाला में भेजकर वैज्ञानिक विश्लेषण कराने का भी निर्देश दिया गया है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही पोषण सामग्री पूरी तरह सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हो.

जांच समिति को 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसके आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग आगे की कार्रवाई करेगा.