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सड़क की मरम्मत में PWD ने खर्च किए 50 लाख रुपए, फिर भी प्री मानसून में ही दोबारा दिखने लगे बड़े-बड़े गड्डे

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ का देवभोग-साहसखोल मार्ग एक बार फिर जर्जर हालत में पहुंच गया है. हाल ही में की गई मरम्मत के बाद प्री मानसून में सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई देने लगे हैं. यह मार्ग अब हादसों का कारण बनता जा रहा है, जिससे खासकर दोपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है.

जानकारी के अनुसार, पीडब्ल्यूडी विभाग ने 22 किलोमीटर लंबे इस मार्ग की मरम्मत चार महीने पहले करीब 50 लाख रुपए की लागत से कराई थी. लेकिन अब मरम्मत की गई ज्यादातर जगहों पर फिर से गड्ढे नजर आने लगे हैं, खासकर कुम्हड़ी खुर्द और झाखरपारा गांव के आसपास लगभग 5 किलोमीटर हिस्से में सड़क पर कई गड्डे फिर से दिख रहे हैं. इस स्थिति को लेकर क्षेत्र में आक्रोश बढ़ रहा है.

पीडब्ल्यूडी के लिए सड़क “ATM मशीन” : जिला पंचायत सदस्य

जिला पंचायत सदस्य एवं निर्माण समिति के सभापति देशबंधु नायक ने सड़क की खराब स्थिति पर नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सड़क पीडब्ल्यूडी के लिए “एटीएम मशीन” बन गई है. नायक ने कहा कि एक दशक पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना  के तहत बनाई गई इस सड़क की मरम्मत में अब तक तीन गुना राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन फिर भी सड़क की हालत नहीं सुधरी. उन्होंने कहा कि हर बार मरम्मत के नाम पर सरकारी फंड का बंदरबांट होता है और मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया जाता. कुछ ही महीनों में सड़क की परतें उखड़ना इसका जीता-जागता सबूत है.

भारी वाहनों के कारण सुदृढ़ीकरण की जरूरत : मामले पर बोले एसडीओ

इस मामले में पीडब्ल्यूडी के एसडीओ मोहित साहू ने सफाई देते हुए बताया कि यह सड़क पुराने डिजाइन के तहत दो टन क्षमता के आधार पर बनाई गई थी. अब इस पर भारी वाहनों की आवाजाही के कारण लेयर टूट रही है. इसके कारण मरम्मत के मटेरियल टिक नहीं पा रहे। उन्होंने कहा कि सड़क की मजबूती के लिए सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है और इसके लिए विभाग ने 39 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है.