Special Story

बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

ShivApr 28, 20251 min read

बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लगभग अंतिम चरण…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा

ShivApr 28, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित…

April 28, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

देश में टी.बी को जड़ से खत्म करने के लिए जनजागरूकता आवश्यक है- राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर। प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत देश में वर्ष 2025 तक टी.बी. रोग जड़ से समाप्त करने के लिए सबको एक साथ मिलकर काम करना है। टी.बी. उन्मूलन समुदाय के सहयोग के बिना संभव नहीं है। टी.बी. के प्रति सभी को जागरूक होना होगा। राज्यपाल रमेन डेका ने बुधवार को टी.बी. उन्मूलन के लिए चलाई जा रही एलाइस परियोजना के राज्य स्तरीय प्रसार कार्यक्रम में उक्त बाते कही।

रीच संस्था के सहयोग से छत्तीसगढ़ सहित देश के चार राज्यों में यह परियोजना चलाई जा रही है। रीच छत्तीसगढ़ में राज्य टी.बी. कार्यक्रम केे साथ एक भागीदार के रूप में कार्य कर रहा है। रीच ने टी.बी. रोग से लड़ कर इससे मुक्त होने वाले टी.बी. चैम्पियंस का एक नेटवर्क बनाया है। एलाइस परियोजना के तहत 904 टी.बी. चैम्पियंस को प्रशिक्षित किया गया है जो सरकार के साथ मिलकर टी.बी. उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं। राज्यपाल डेका ने कहा कि हम सभी को मिलकर इस परियोजना के उद्देश्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। राज्यपाल डेका ने कहा कि केन्द्र व राज्य शासन इस बीमारी को देश में जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके लिए जनजागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर चलाए जा रहे प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निक्षय मित्र बनें और एक या एक से अधिक टी.बी. मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण आहार या अन्य सहायता प्रदान कर सकते है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने एलाइस परियोजना से संबंधित रिर्पोर्ट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रीच संस्था की सरला सिंघानिया ने किया। टी.बी. रोग से लड़कर चैम्पिंयन बनी दुर्ग की कुमारी चंद्रकला यादव ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व उसे टी.बी. हुआ था लेकिन पूर्ण इलाज से वह ठीक हो गई है और दूसरे टी.बी. रोग से पीड़ित व्यक्तियों को भी वह प्रेरित करती है, साथ ही राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में भी सहयोग देती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के संचालक डॉ. जगदीश सोनकर ने भी अपने विचार रखे।