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ShivJan 11, 20253 min read

रायपुर।    प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने…

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रायपुर। सोशल मीडिया में वायरल “छत्तीसगढ़ के रामायण’ के पात्रों को…

तातापानी महोत्सव : बॉलीवुड, छालीवुड और भोजपुरी कलाकारों से सजेगी शाम, नशेड़ियों पर होगी सख्ती…

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बलरामपुर। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज…

January 11, 2025

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प्रदेशवासियों को सस्ती व प्रदूषण मुक्त बिजली उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेशवासियों को सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सौर तथा पवन ऊर्जा सहित नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के सभी स्रोतों को प्रदेश में हर संभव प्रोत्साहन प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा खपत की आपूर्ति नवकरणीय ऊर्जा संसाधनों से करने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्षेत्र में निजी निवेशकों को भी हर संभव सहयोग दिया जाए। प्रधानमंत्री सूर्य घर तथा प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना से अधिक-से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए नगरीय निकायों, रहवासी संघों तथा कृषकों के साथ मिलकर अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नवीन एवं नवीनकरणीय मंत्री राकेश शुक्ला, सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप , मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मनु श्रीवास्तव तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करना जरूरी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य की ऊर्जा का 41 प्रतिशत उपभोग किसानों द्वारा किया जाता है। किसान दिन के समय बिजली का उपभोग कर सकें, इस उद्देश्य से सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करना जरूरी है। उन्होंने सभी शासकीय भवनों पर मिशन मोड में सोलर रूफटॉप स्थापित करने के लिए समय- सीमा निर्धानित करते हुए समन्वित रूप से कार्य योजना लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय,स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग भवनों पर भी सोलर रूफटॉप प्राथमिकता से लगाए जाएं। इससे इन विभागों की इकाइयों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में 14 गुना वृद्धि हुई

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में पिछले बारह वर्षों में 14 गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में सौर ऊर्जा की प्रति उत्पादन दर प्रति यूनिट दो रुपए 50 पैसे लगभग आ रही है, जो कोयला आधारित ऊर्जा से तुलनात्मक रूप से किफायती है। सौर ऊर्जा के संबंध में प्रधानमंत्री श्री मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुरैना, आगर, धार, अशोकनगर, शिवपुरी, सागर इत्यादि में सौर पार्क स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। आगर, शाजापुर और नीमच की नवकरणीय सौर ऊर्जा परियोजनाएं तथा ओंकारेश्वर स्थित विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना तैयार हो चुकी हैं। मुरैना में हाई ब्रिड वृहद नवकरणीय ऊर्जा परियोजना भी निर्माणाधीन है। इसके प्रथम चरण में सुबह और शाम के पीक समय के दौरान प्रदेश को सुनिश्चित आपूर्ति के लिए 600 मेगावाट सोलर के साथ ही स्टोरेज की सुविधा भी उपलब्ध होगी। यह परियोजना 2027 तक पूर्ण होगी।

ऊर्जा भण्डारण के लिए भी जारी है पहल

बैठक में कुसुम योजना की प्रगति के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि परियोजना के वित्त पोषण के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। साथ ही इंडो-जर्मन सोलर एनर्जी पार्टनरशीप-एनोवेटिव सोलर भी निष्पादित किया गया। प्रदेश में उज्जैन, आगर, धार, रतलाम और मंदसौर में पवन ऊर्जा पार्क विकसित करने के लिए भूमि चिन्हित की गई है। नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में नगरीय विकास एवं आवास, जल संसाधन और मध्यप्रदेश जनरेशन कम्पनी का सहायोग लिया जा रहा है। ऊर्जा भण्डारण परियोजनाओं के लिए भी राज्य सरकार पहल कर रही है।