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प्रस्तावित बीमा संशोधन अधिनियम का विरोध, बीमा कार्यालयों के सामने पेंशनरों ने किया प्रदर्शन

रायपुर।  अखिल भारतीय पेंशनर्स दिवस के अवसर पर आज बीमा क्षेत्र की पेंशनर्स एसोसिएशन के आव्हान पर देशभर के बीमा कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन कर सभाएं ली गई. केंद्र सरकार द्वारा पेंशन के क्षेत्र में जारी जन विरोधी सुधारों का पुरजोर विरोध किया गया. आल इंडिया इंश्योरेंस पेंशनर्स एसोसिएशन की रायपुर मंडलीय इकाई ने एलआईसी के पंडरी स्थित मंडल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर सभा ली, जिसमें बड़ी संख्या में एलआईसी व आम बीमा के पेंशनर्स के साथ ही सेवारत बीमा कर्मचारियों ने शिरकत की. सभा की अध्यक्षता पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का. श्रीकांत पेंढारकर ने की.

सभा को संबोधित करते हुए सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के महासचिव का. धर्मराज महापात्र ने प्रस्तावित बीमा संशोधन अधिनियम 2024 का तीखा विरोध करते हुए इसके खिलाफ आंदोलन तीव्र करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर बीमा उद्योग पर विदेशी पूंजी का नियंत्रण व आधिपत्य का रास्ता साफ किया जा रहा है. उन्होंने बीमा प्रिमियमों से तत्काल जीएसटी हटाने और एलआईसी में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में नई भर्ती आरंभ करने की मांग करते हुए बताया कि इन सारे मुद्दों पर देशभर के बीमा कर्मी फरवरी व मार्च के महीने में हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं.

सभा को संबोधित करते हुए रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन के महासचिव का. सुरेंद्र शर्मा ने नई पेंशन योजना को बंद कर पुन: पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की. उन्होंने राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग में पेंशन का अपडेशन किये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पेंशन भीख या कृपा न होकर एक मेहनतकश का अधिकार होता है और इसलिए सार्वभौमिक पेंशन योजना लागू करते हुए देश के प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम दस हजार रुपयों की पेंशन प्रदान की जानी चाहिए.

आम बीमा की पेंशनर्स एसोसिएशन के संयोजक का. वीर अजीत शर्मा ने आम बीमा क्षेत्र में फेमिली पेंशन की सीमा 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किये जाने की मांग की. उन्होंने आम बीमा में एनपीएस योजना में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रबंधन का योगदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किए जाने की मांग भी की. उन्होंने बताया कि इन मुद्दों पर संयुक्त मोर्चा देशभर की आम बीमा कंपनियों के समक्ष व्यापक आंदोलन करेगा. सभा की अध्यक्षता कर रहे का श्रीकांत पेंढारकर ने पेंशन फंडों के निजीकरण का विरोध किया. उन्होंने कहा कि बुढापे में सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर पेंशन का संघर्ष आगामी दिनों और तेज होगा. जोरदार नारेबाजी के साथ सभा की कार्यवाही समाप्त हुई. सभा के पश्चात एक प्रतिनिधिमंडल ने मंडल प्रबंधन को ज्ञापन भी सौंपा.