Special Story

जनवरी-फरवरी में बैलेट पेपर से निकाय और पंचायत चुनाव, 7 जनवरी के बाद आचार संहिता कभी भी- अरुण साव

जनवरी-फरवरी में बैलेट पेपर से निकाय और पंचायत चुनाव, 7 जनवरी के बाद आचार संहिता कभी भी- अरुण साव

ShivDec 27, 20241 min read

रायपुर। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच…

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : आरक्षण के लिए जारी हुई नई समय सारणी, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया…

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : आरक्षण के लिए जारी हुई नई समय सारणी, जानिए कब से शुरू होगी प्रक्रिया…

ShivDec 27, 20241 min read

रायपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर पंच…

December 27, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

रायपुर के साइंस कॉलेज चौपाटी को हटाए जाने का विरोध, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने निकाली मशाल यात्रा

रायपुर।  प्रदेश की सत्ता में बाजपा की वापसी के बाद रायपुर के साइंस कॉलेज स्थित यूथ हब चौपाटी को हटाने की तैयारी शुरु हो गई है. जिसे आमानाका में शिफ्ट किए जाना है. चौपाटी को हटाए जाने के विरोध में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आज मशाल यात्रा निकाली. जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और चौपाटी के व्यापारी शामिल हुए.

दरअसल, बीते साल की शुरुआत में जीई रोड के किनारे साइंस कॉलेज के मैदान के सटकर रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने चौपाटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका राजेश मूणत ने विरोध करते हुए 11 दिनों तक धरना दिया था. आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा भाजपा के आला नेताओं ने मौजूदगी दर्ज कराते हुए मूणत के आंदोलन का समर्थन किया था.

लेकिन इन सबके बाद भी चौपाटी निर्माण पर रोक नहीं लगने पर मूणत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद मूणत ने रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी पर चौपाटी का निर्माण के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था.

निगम में भाजपा पार्षदों ने भी जताया विरोध

रायपुर नगर निगम में भाजपा पार्षदों ने भी चौपाटी के विरोध में स्मार्ट सिटी ईएमडी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था. पार्षदों का कहना था कि स्थल के चारों ओर शैक्षणिक संस्थान हैं. चौपाटी में आप किसी को भी आने से नहीं रोक सकते है. ऐसे में असामाजिक तत्व भी चौपाटी में प्रवेश करेंगे और हमारे विद्याथी अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगे. तमाम विरोध-प्रदर्शन के बाद भी चौपाटी का निर्माण बदस्तूर जारी रहा, और बीते साल अक्टूबर में दुकानों का आवंटन भी कर दिया गया. लेकिन चौपाटी का विवाद खत्म नहीं हुआ. कभी टेंडर शर्तों का उल्लंघन करने तो कभी चौपाटी में अव्यवस्था का आरोप लगता रहा है. अब जब चौपाटी को हटाने का निर्देश दिया गया है, तो माहौल में सुधार आने की उम्मीद है.