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छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अमित अग्रवाल बने केंद्र सरकार में सेक्रेटरी

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल को केंद्र सरकार…

मुख्यमंत्री ने वीर बाल दिवस पर गुरू गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान को किया नमन

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 26 दिसंबर को वीर बाल…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर गौरव दिवस पर किया प्रतिभाओं का सम्मान

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ShivDec 25, 20244 min read

ग्वालियर।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

December 26, 2024

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रायपुर के साइंस कॉलेज चौपाटी को हटाए जाने का विरोध, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने निकाली मशाल यात्रा

रायपुर।  प्रदेश की सत्ता में बाजपा की वापसी के बाद रायपुर के साइंस कॉलेज स्थित यूथ हब चौपाटी को हटाने की तैयारी शुरु हो गई है. जिसे आमानाका में शिफ्ट किए जाना है. चौपाटी को हटाए जाने के विरोध में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आज मशाल यात्रा निकाली. जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और चौपाटी के व्यापारी शामिल हुए.

दरअसल, बीते साल की शुरुआत में जीई रोड के किनारे साइंस कॉलेज के मैदान के सटकर रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने चौपाटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका राजेश मूणत ने विरोध करते हुए 11 दिनों तक धरना दिया था. आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा भाजपा के आला नेताओं ने मौजूदगी दर्ज कराते हुए मूणत के आंदोलन का समर्थन किया था.

लेकिन इन सबके बाद भी चौपाटी निर्माण पर रोक नहीं लगने पर मूणत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद मूणत ने रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी पर चौपाटी का निर्माण के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था.

निगम में भाजपा पार्षदों ने भी जताया विरोध

रायपुर नगर निगम में भाजपा पार्षदों ने भी चौपाटी के विरोध में स्मार्ट सिटी ईएमडी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था. पार्षदों का कहना था कि स्थल के चारों ओर शैक्षणिक संस्थान हैं. चौपाटी में आप किसी को भी आने से नहीं रोक सकते है. ऐसे में असामाजिक तत्व भी चौपाटी में प्रवेश करेंगे और हमारे विद्याथी अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगे. तमाम विरोध-प्रदर्शन के बाद भी चौपाटी का निर्माण बदस्तूर जारी रहा, और बीते साल अक्टूबर में दुकानों का आवंटन भी कर दिया गया. लेकिन चौपाटी का विवाद खत्म नहीं हुआ. कभी टेंडर शर्तों का उल्लंघन करने तो कभी चौपाटी में अव्यवस्था का आरोप लगता रहा है. अब जब चौपाटी को हटाने का निर्देश दिया गया है, तो माहौल में सुधार आने की उम्मीद है.