Special Story

बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे…

उद्योगों के विकास से ही बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

उद्योगों के विकास से ही बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20254 min read

भोपाल।  दो दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दूसरे दिन सूक्ष्म…

व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार-व्यवसाय…

मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में है शामिल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में है शामिल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20255 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीयों…

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे के बाद आचार संहिता शून्य घोषित, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे के बाद आचार संहिता शून्य घोषित, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश

ShivFeb 25, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 सफलतापूर्वक…

February 25, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सेंट्रल जेल में कैदियों ने किया महाकुंभ स्नान, आध्यात्मिक शुद्धि का मिला अवसर…

रायपुर।   छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों ने महाकुंभ से लाए गए गंगाजल से सामूहिक स्नान किया. इस विशेष अवसर पर राज्य के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल के कैदी गंगाजल से स्नान कर रहे हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शुद्धि का अवसर मिला. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कबीरधाम जिले की जिला जेल में भी एक विशेष आयोजन हुआ. महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार ने जेल में बंद कैदियों को गंगा जल से स्नान कराने की व्यवस्था की. इस आयोजन में 237 कैदियों को गंगा जल से स्नान कराया गया, ताकि आत्मशुद्धि और नैतिक उत्थान के अवसर पर उन्हें आध्यात्मिक लाभ मिल सके.

यह गंगाजल छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में महाकुंभ से कैदियों के लिए लाया था. कैदियों ने इस स्नान के माध्यम से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति की आशा जताई. इस आयोजन को लेकर जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है और कैदियों के बीच धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए इसे एक सकारात्मक कदम बताया है.

इस पहल से कैदियों में आएगा सुधार : डिप्टी सीएम

कबीरधाम में जेल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे कैदियों में उत्साह की लहर देखी गई. इस आयोजन का उद्देश्य केवल शारीरिक शुद्धता नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता भी था. गंगा जल का स्नान करने से कैदियों को आत्मविश्वास और सुधार की दिशा में प्रेरणा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम चलाएगी, ताकि सुधार और पुनर्वास के माध्यम से कैदियों को समाज में फिर से एक सकारात्मक स्थान मिले. इस पहल से कैदियों में सुधार लाने के साथ-साथ समाज में उनके पुनः समायोजन के लिए भी मदद मिलेगी.

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, कैदियों को गंगा जल से स्नान कराने का यह कार्यक्रम महाकुंभ के माहौल में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो राज्य सरकार की सुधारात्मक और पुनर्वास कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह पहल सरकार की एक सकारात्मक और मानवाधिकार आधारित दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित करती है, जो न केवल अपराधियों को सुधारने की कोशिश करती है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक और मानसिक शांति देने का भी प्रयास करती है.

5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में कैदियों को मिलेगा आध्यात्मिक लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गंगा जल से कैदियों को स्नान कराने की पहल को अब और विस्तार दिया गया है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर राज्य की 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में कैदियों को गंगा जल से स्नान कराया जा रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वच्छता नहीं, बल्कि कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी है. महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार ने इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है, ताकि कैदियों को आत्मशुद्धि का अनुभव हो और उन्हें समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सके. यह पहल राज्य सरकार की सुधार और पुनर्वास की नीति को प्रदर्शित करती है, जो केवल सजा देने तक सीमित नहीं, बल्कि कैदियों के जीवन में सुधार और समाज में उनके पुनः समायोजन को प्राथमिकता देती है. इस पहल से राज्य की जेलों में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा और कैदी अपने जीवन को नए दृष्टिकोण से देखेंगे.