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शिवनाथ नदी में दिनदहाड़े हो रहा अवैध रेत खनन, जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठे सवाल

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ShivNov 26, 20242 min read

मुंगेली।    छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के सांवतपुर इलाके में…

मालगाड़ी डिरेल होने के बाद कई ट्रेनें रद्द

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ShivNov 26, 20241 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मारवाही (GPM) जिले में आज सुबह…

गेमिंग एप में लाभ दिलाने का झांसा देकर महिला से लाखों की ठगी

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ShivNov 26, 20241 min read

अभनपुर।  गेमिंग एप में लाभ दिलाने का झांसा देकर शातिर…

खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई, रेत और मुरुम के अवैध परिवहन कर रहे 9 हाईवा जब्त

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ShivNov 26, 20242 min read

अभनपुर।    छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में खनिज विभाग ने…

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष बनाए गए विशेषर सिंह, साय सरकार ने जारी किया आदेश

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ShivNov 26, 20241 min read

रायपुर।    साय सरकार ने विशेषर सिंह पटेल को राज्य…

जग्गी हत्याकांड : आरोपी याहया ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली जमानत, दो अन्य आरोपियों को मिली बेल

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ShivNov 26, 20242 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित जग्गी हत्याकांड में आरोपी बनाए गए याहया…

November 26, 2024

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जो कहेंगे सच कहेंगे

अवैध घोषित हुए प्रधानमंत्री आवास, तोड़ने की तैयारी… दो दिन का समय

जगदलपुर।     इंद्रावती नदी पर पुराने पुल के पास हाई लेवल पुल का निर्माण एक महत्वपूर्ण परियोजना है. लेकिन इसके चलते 19 परिवारों के घरों को उजाड़ने की तैयारी प्रशासन की असंवेदनशीलता और लापरवाही को उजागर करती है.

हैरानी की बात ये है कि इन मकानों में से तीन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए घर हैं जो खुद सरकार की ओर से तैयार करवाए गए थे. सवाल यह है कि अगर ये आवास अवैध थे, तो इन्हें बनने कैसे दिया गया ?

आरोप है कि प्रशासन सरकारी जमीन पर बेजा कब्जे को रोकने में नाकाम रही. प्रशासन ने इन परिवारों को अचानक बेघर करने का फैसला लिया है लेकिन मुआवजा देने की कोई स्पष्ट योजना नहीं बनाई गई है. प्रभावित परिवार न्याय की गुहार लगा रहे हैं पर उनके लिए कोई ठोस विकल्प या पुनर्वास योजना नहीं पेश की गई.

सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिन प्रधानमंत्री आवासों को खुद सरकार ने गरीबों के लिए तैयार किया वे अब अवैध घोषित किए जा रहे हैं. अब इन मकानों को तोड़ने की तैयारी में प्रशासन है. प्रवीण वार्ड के प्रभावितों ने जब घर तोड़ने का विरोध किया तो प्रशासन ने 2 दिनों का समय दिया है प्रभावितों की मांग सिर्फ जमीन के बदले जमीन और उचित मुआवजा की मांग कर रहे है. देखने वाली बात होगी कि 2 दिन बाद इस वार्ड में क्या स्थिति बनती है.

इस मामले पर तहसीलदार रूपेश मरकाम का कहना है कि सेतु निर्माण के लिए जो अवैध रूप से काबिज है उनको हटाना है इससे पहले भी इनको नोटिस दिया गया था, लेकिन हटाये नहीं है. दोबारा प्रभावितों ने 2 दिनों का समय मांगा है. दो दिन बाद कब्जे को हटाया जाएगा. इसमें पीएम आवास भी शामिल है जिसे अधिकारियों को आवेदन के माध्यम से जानकारी देंगे इसमें जो सम्भव होगा वैसी व्यवस्थाएं की जाएगी.