रायपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान‘ को मंजूरी दे दी है। इस अभियान के तहत आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों को सेचुरेट करने तथा आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 79,156 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
जिसमें केन्द्र सरकार का 56,333 करोड़ रूपए और राज्य सरकार का 22,823 करोड़ रूपए का हिस्सा शामिल हैं। इस अभियान के तहत लगभग 63 हजार गांव शामिल होंगे। जिसमें पांच करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के आदिम जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक विकास मंत्री रामविचार नेताम ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्रीय मंत्री परिषद के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आबादी में जनजातियों का हिस्सा एक तिहाई है। इस योजना के क्रियान्वयन से आदिवासी बहुल गांवों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ेगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.45 करोड़ है और देश भर में 705 से अधिक आदिवासी समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर के क्षेत्रों में रहते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन की सीख और सफलता के आधार पर आदिवासी क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।