प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में सभा को करेंगे संबोधित
अंबिकापुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को अंबिकापुर में आमसभा को संबोधित करेंगे। मोदी की सभा अंबिकापुर के उसी कालेज मैदान में होगी जहां 11 वर्ष पहले प्रतीकात्मक लाल किला बनाया गया था। सरगुजा क्षेत्र की जनता ने प्रतीकात्मक लाल किला बनाकर अपनी भावनाएं प्रदर्शित की थी कि दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से भी मोदी देश को संबोधित करें। उसके एक वर्ष बाद ही लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को बहुमत हासिल हुई थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। सरगुजांचल खासकर अंबिकापुर में पिछले दो लोकसभा चुनाव से नरेन्द्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित करते रहे हैं।
इस बार भी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की सूचना उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दी। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरगुजा की जनता ने ही सबसे पहले नरेन्द्र मोदी के लिए सपना देखा था कि वे प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करें। यह सपना पूरा हुआ। 10 वर्षो से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। यह चुनाव सिर्फ तीसरी बार मोदी सरकार के लिए नहीं है बल्कि विकसित भारत और तीसरी आर्थिक शक्ति के लिए यह चुनाव महत्तवपूर्ण हैं।
बताते चलें कि आठ सितंबर 2013 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने अंबिकापुर के कॉलेज मैदान से सभा को संबोधित किया था। उस समय छत्तीसगढ़ में डा रमन सिंह की सरकार थी। विकास यात्रा का समापन था। समापन कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी ने प्रतीकात्मक लाल किले से सभा को संबोधित किया था। उसके अगले वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव में एनडीए को बहुमत मिली थी और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। पांच वर्ष बाद वर्ष 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉलेज मैदान से चुनावी सभा को संबोधित किया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि अंबिकापुर में उनकी उस सभा की जितनी चर्चा हुई उतनी अभी तक किसी सभा की नहीं हुई। दिल्ली तक खलबली मच गई थी कि पिछड़े इलाके के लोगों ने यह कैसे सोच लिया कि मोदी को लाल किले से संबोधित करना चाहिए।
अंबिकापुर की जनता की खिल्ली उड़ाई गई थी। उसकी सजा देने का समय आ जाने का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की थी इसका परिणाम यह हुआ था कि 2019 के चुनाव में तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने डेढ़ लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत लिया था।