‘सुप्रजा‘ कार्यकम योजना से गर्भिणी महिलाएं हो रही लाभान्वित
रायपुर। भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत वर्ष 2023-24 राष्ट्रीय कार्यक्रम सुप्रजा सचालित किया जा रहा है।
सुप्रजा कार्यक्रम गर्भवती, नवजात शिशु की देखभाल एवं सुरक्षा हेतु प्रारंभ किया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 06 जिलों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर, धमतरी) के कुल 28 संस्थाओं में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को भारत सरकार की गाईडलाइन के तहत गतिविधियों जैसे प्रतिमाह गर्भवती जांच, शिशु विकास परीक्षण, गर्भवती महिलाओं को शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने हेतु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। उत्तम गुणयुक्त संतान प्राप्ति के लिए गर्भसंस्कार करवाया जा रहा है। गर्भावस्था अनुरूप आहार-विहार संबंधित सलाह (प्रत्येक माह अनुसार आयुर्वेद आहार) तथा प्रत्येक गर्मीणी को गर्भावस्था में किये जाने वाली उपयोगी योगासन की जानकारी योग प्रशिक्षक एवं आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। ज्यादा से ज्यादा गर्मीणी महिला योग का लाभ ले सके इसलिए आयुष संस्थाओं में योगसत्र का आयोजन भी किया जा रहा है। गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद औषधियां निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत गर्भावस्था की जटिलताएं कम हुई हैं। साथ ही सिजेरियन डिलीवरी की संख्या घट रही है। जननी एवं नवजात शिशु की प्रसवोत्तर 06 माह तक चिकित्सक द्वारा फॉलोअप किया जा रहा है तथा नवजात शिशु को स्तनपान करवाने हेतु जननी को सलाह दी जा रही है।
अब तक सुप्रजा कार्यक्रम के तहत विगत 05 माह में चिन्हांकित 28 संस्थाओं में लगभग 945 गर्भिणी महिलाओं ने लाभ प्राप्त किया है। गर्भवती माताओं में आयुर्वेदिक जीवनशैली तथा गर्भ की देखभाल के प्रति रुझान में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है, इसलिए छत्तीसगढ़ आयुष संचालक इफ्फत आरा के आदेशानुरूप सुप्रजा कार्यक्रम के द्वितीय चरण में 20 अन्य संस्थाओं में भी यह कार्यकम राष्ट्रीय संचालित करने की योजना है।