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ShivJun 6, 20254 min read

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

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खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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ShivJun 6, 20253 min read

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June 7, 2025

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प्री-बिड कॉन्फ्रेंस : सचिव पी. दयानंद बोले – छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों के मामले में अपार संभावनाओं वाला राज्य

रायपुर।   संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म, छत्तीसगढ़ द्वारा बस्तर के बैलाडीला क्षेत्र के लौह अयस्क ब्लॉकों की नीलामी को लेकर आज नवा रायपुर के न्यू सर्किट हाउस स्थित कन्वेंशन हॉल में ‘प्री-बिड कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया गया। इस बैठक में देशभर से आए खनन निवेशकों और बोलीदाताओं ने भाग लिया, जहां नीलामी प्रक्रिया, निवेश अवसरों, और खनिज संसाधनों पर विस्तृत चर्चा हुई।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित तीन विश्व स्तरीय लौह अयस्क ब्लॉक एवं उत्तर बस्तर कांकेर के एक ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पर चर्चा की गई। खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए और ई-नीलामी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।

खनिज विभाग के सचिव पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों के मामले में अपार संभावनाओं वाला राज्य है, जो उद्योग, व्यापार, और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक विकास का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अहम होगी, क्योंकि यहां उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के विशाल भंडार उपलब्ध हैं।
उन्होंने बोलीदाताओं को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए आश्वस्त किया कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि बैलाडीला क्षेत्र भारत के इस्पात उद्योग की रीढ़ है और इस क्षेत्र के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार में व्यापक वृद्धि होगी।

जीएसआई (GSI) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अमित धारवड़कर ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे समृद्ध खनिज संपन्न राज्य है। उन्होंने कहा कि बैलाडीला से दल्लीराजहरा तक फैला लौह अयस्क क्षेत्र विश्व के महत्वपूर्ण लौह अयस्क भंडारों में गिना जाता है, जो भारत के इस्पात उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म के संचालक सुनील कुमार जैन ने नीलामी प्रक्रिया और लौह अयस्क ब्लॉकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2030 तक देश में स्टील उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

संयुक्त संचालक एवं नोडल अधिकारी (ऑक्शन) अनुराग दीवान ने कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्यों में से एक है और विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

नीलामी प्रक्रिया के तहत 27 फरवरी 2025 तक दोपहर 3 बजे तक ऑनलाइन टेंडर डॉक्युमेंट खरीदे जा सकते हैं। 28 फरवरी 2025 तक दोपहर 3 बजे तक टेंडर सबमिट करने की अंतिम तिथि है। इच्छुक बोलीदाता नवा रायपुर स्थित संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म, इंद्रावती भवन, ब्लॉक-4, द्वितीय तल पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्री-बिड कॉन्फ्रेंस में देशभर के खनन कंपनियों, औद्योगिक समूहों और निवेशकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छत्तीसगढ़ के बैलाडीला क्षेत्र में स्थित लौह अयस्क भंडारों की उच्च गुणवत्ता और निवेश के अनुकूल वातावरण को देखते हुए नीलामी प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक रुझान देखने को मिला। यह आयोजन छत्तीसगढ़ को खनन और इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।