Special Story

उपजेल में बंद कैदी की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

उपजेल में बंद कैदी की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

ShivJun 13, 20253 min read

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले स्थित उप जेल में बंद…

तहसीलदार संजय राठौर ने महिला को मृत बताकर जमीन का किया नामांतरण, कमिश्नर ने किया निलंबित…

तहसीलदार संजय राठौर ने महिला को मृत बताकर जमीन का किया नामांतरण, कमिश्नर ने किया निलंबित…

ShivJun 13, 20252 min read

सूरजपुर। सूरजपुर जिले के भैयाथान तहसील में पदस्थ तहसीलदार संजय…

हनीट्रैप में युवक को फंसाकर मांगी 17 लाख की फिरौती, 2 गिरफ़्तार

हनीट्रैप में युवक को फंसाकर मांगी 17 लाख की फिरौती, 2 गिरफ़्तार

ShivJun 13, 20253 min read

जांजगीर-चांपा। ज़िले में एक सनसनीखेज हनी ट्रैप और फिरौती मांगने…

June 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अर्थशास्त्र अध्ययनशाला में मनाया गया गरीबी उन्मूलन दिवस

रायपुर। अंतराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के अवसर पर अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ. ग.) में आज विभागीय साहित्यिक क्लब द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। डॉ. रीता वेणुगोपाल, प्रोफेसर, शारिरिक शिक्षा अध्ययनशाला और निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर इस अवसर पर मुख्य वक्ता थीं। प्रोफेसर रीता वेणुगोपाल ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर गरीबी के प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया। अपने मुख्य जिसमें उन्होंने एक एकीकृत दृष्टिकोण अपना कर गरीबी पर चर्चा को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने व्याख्यान में गरीबी उन्मूलन के संस्थागत तरीकों की ओर इशारा किया और इस बात पर जोर दिया कि गरीबी इतनी बुरी नहीं है और इस तरह के अभावों से होने वाले भेदभाववको अस्वीकार किया और अपने व्याख्यान में सिफारिशें पेश की जिनमें समाज में महिलाओं के बीच गरीबी चक्र को रोकने के लिए सामुदायिक पहल, सक्रिय सामाजिक-सांस्कृतिक मानदण्ड, शिक्षा, पोषण आहार और महिलाओं के लिए उचित स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं शामिल हैं।

अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के प्रोफेसर डॉ. बी. एल. सोनेकर ने अपने स्वागत भाषण में गरीबी से घिरे समाज की गंभीर स्थितियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने जमीनी स्तर से इसके उन्मूलन पर सर्वाधिक ध्यान देने का भी आग्रह किया है। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष एवं आचार्य प्रोफेसर रविन्द्र के ब्रम्हो ने अपने समापन मंतव्य में विश्व मे व्याप्त गरीबी और भूखमरी के वर्तमान आयामों पर प्रकाश डाला और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था के लिए आग्रह किया जहां संसाधनों का उपयोग एक रैखिक अर्थव्यवस्था के बजाय स्थायी तरीके से किया जाता है। कार्यक्रम में डॉ. अर्चना सेठी, सी.के. वर्मा के साथ – साथ शोध छात्र और एम.ए. प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. प्रगति कृष्णन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया एवं कार्यक्रम का संचालन एम.ए. प्रथम सेमेस्टर के छात्र स्टीफन एक्का द्वारा किया गया।