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कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और सहयोगी पर FIR दर्ज, जमीन कब्जा और धोखाधड़ी का है आरोप

कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और सहयोगी पर FIR दर्ज, जमीन कब्जा और धोखाधड़ी का है आरोप

ShivNov 27, 20241 min read

रायपुर।  शहर के कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और उसके साथी…

November 27, 2024

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स्कूल पर गरमाई सियासत : कांग्रेस ने पीएमश्री स्कूल में आत्मानंद के विलय पर विरोध की दी चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में CG बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे सामने आते ही स्कूलों पर सियासत तेज हो गई है। प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाई गई स्वामी आत्मानंद स्कूल को अब पीएमश्री स्कूल में विलय किया जा रहा है, जिसका कांग्रेस खुलकर विरोध कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर बदनीयता के आरोप लगाते हुए इस मामले में हर स्तर पर विरोध करने की बात कही है।

पीसीसी चीफ ने कहा- स्वामी आत्मानंद स्कूलों का नाम बदले जाने का कांग्रेस हर स्तर पर विरोध करेगी। स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ में जन्में एक विद्वान संत और विश्वविख्यात आध्यात्मिक व्यक्तित्व थे और इसीलिए कांग्रेस की सरकार ने इस योजना का नाम उनके नाम पर रखा था। अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके नाम को हटाना चाहती है। शासन की ओर से ‘स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना’ का नाम बदलकर ‘पीएमश्री’ करने का आदेश जारी किया गया है, इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों की सहमति लेने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस पार्टी की ओर से हम सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से अपील करते हैं कि सरकार की ओर से इस तरह का कोई प्रस्ताव आता है तो इसका लिखित और मुखर विरोध करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के एक विश्वविख्यात संत और आध्यात्मिक व्यक्ति के नाम पर चल रही योजना का नाम बदलने से पता चलता है कि, अब भाजपा को संतों और धार्मिक व्यक्तियों से भी दिक्कत होने लगी है।

स्कूल का नाम बदलना दुर्भाग्यजनक

दीपक बैज ने कहा कि, स्वामी आत्मानंद स्कूल एक महत्वकांक्षी योजना के तहत शुरू किया गया था। गरीबों के बच्चों को मुफ्त अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दी गयी और उसके सार्थक परिणाम भी सामने आये।

उन्होंने आगे कहा कि, 10 वीं और 12 वीं में 75 फीसदी से अधिक बच्चे प्रवीण्य सूची में आय। ऐसे में स्कूल का नाम दलीय दुर्भावना से बदला जाना दुर्भाग्यजनक है।

केंद्र सरकार के आत्मानंद स्कूल में क्या योगदान ?

भारतीय जनता पार्टी के इन स्कूलों के सामने पीएम श्री लगायेगी। प्रधानमंत्री का या केन्द्र सरकार का इन स्कूलों के स्थापना में क्या योगदान है? पिछले 5 महीनों से इन स्कूलों के शिक्षकों को वेतन क्यों नही दिया जा रहा है? सीधे-सीधे इन स्कूलों को बंद करने की साजिश भारतीय जनता पार्टी कर रही है। यह छत्तीसगढ़ के गरीब, मध्यम बच्चों के साथ अन्याय है।

700 स्कूलों का हो चुका है स्ट्रक्चर डेवलप

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा- स्वामी आत्मानंद के तहत लगभग 700 स्कूल हैं। उन स्कूलों पर स्ट्रक्चर डेवलपमेंट किया जा चुका है। स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। स्कूलों में बच्चों की भर्ती शुरू हो चुकी है। परीक्षा परिणाम बेहतर आ रहे हैं।

नए स्कूल बनाए सरकार

उन्होंने कहा कि, अगर केंद्र सरकार पीएमश्री के माध्यम से कुछ नया करना चाहते हैं, कुछ नया जोड़ना चाहते है तो नये स्कूलों का चयन करना चाहिये। स्वामी आत्मानंद स्कूलों को ही टारगेट किया जाना सरकार की बदनीयती को दर्शाता है।

पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि, स्वामी आत्मानंद आरंभ से ही मेधावी छात्र रहे और नागपुर विश्वविद्यालय में गणित में एमएससी प्रवीणता के साथ पास की थी। उनकी जीवनी में लिखा है कि वे आईएएस (तत्कालीन आईसीएस) के लिए चयनित हो गए थे, पर जनसेवा के लिए उन्होंने संन्यास का रास्ता चुना। उनके ज्ञान की वजह से दुनिया भर में उन्हें प्रवचन देने के लिए बुलाया जाता था। छत्तीसगढ़ में हमेशा उन्हें गौरव के रूप से देखा जाता रहा है। इसीलिए जब वंचित वर्ग के बच्चों के लिए कांग्रेस की सरकार ने अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल खोलने का निर्णय लिया तो योजना को स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर रखने का फैसला किया गया।

उन्होंने कहा कि, अगर भाजपा की सरकार सिर्फ इसलिए स्वामी आत्मानंद योजना का नाम बदलना चाहती है क्योंकि, यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरु हुई योजना है, तो यह एक आध्यात्मिक विद्वान व्यक्तित्व के बारे में भाजपा के नेताओं की सोच को दर्शाता है।