इंद्रावती नदी बचाओ पदयात्रा को लेकर सियासत गर्म: कांग्रेस ने साय सरकार पर ठोस कदम न उठाने के लगाए आरोप, किरण सिंहदेव ने किया पलटवार

बस्तर। छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग इन दिनों भारी जल संकट से जूझ रहा है. पूरे बस्तर को सिंचित करने वाली प्राणधारा इंद्रावती नदी सूखे की कगार पर है. इससे किसानों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जलसंकट को लेकर कांग्रेस ने पीसीसी चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में जगदलपुर स्थित चित्रकूट से 40 किमी की पदयात्रा आज पूरी कर जल्द ही निराकरण की मांग की. वहीं इस पदयात्रा को लेकर आज कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेस वार्ता कर साय सरकार पर नदी में जल संकट को लेकर कोई ठोस कदम न उठाने के आरोप लगाए हैं.


सुशील मौर्य ने प्रेस वार्ता में कहा कि इंद्रावती नदी के बचाव के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीसीसी चीफ बैज के नेतृत्व में तपती धूप में 40 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की, कलेक्ट्रेट का घेराव किया और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा, लेकिन भाजपा सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

कांग्रेस ने इंद्रावती प्राधिकरण का किया था गठन: सुशील मौर्य
उन्होंने आगे कहा कि बस्तरवासियों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे इसके लिए कांग्रेस सरकार के समय इंद्रावती प्राधिकरण का गठन किया गया था. लेकिन भाजपा ने डेढ़ साल से सरकार में रहने के बाद भी अब तक किसी भी पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. उन्होंने कहा कि हमारे शासन में मटनार बैराज को स्वीकृति मिली थी, लेकिन भाजपा सरकार उस पर भी आगे कोई काम नहीं कर पाई है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने किया पलटवार
वहीं इस मुद्दे को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस के बयान का पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पदयात्रा करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल में इंद्रावती के लिए क्या किया? भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत कर 49% पानी देने पर सहमति प्राप्त की है. साथ ही अलग-अलग जगहों पर स्टॉप डैम बनाने का प्रस्ताव भी पारित हो चुका है.
कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है : किरण सिंह देव
किरण सिंह देव ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार बस्तरवासियों के हित में सोच रही है. जबकि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में केवल घोषणाएं ही की हैं, जमीनी स्तर पर काम कुछ नहीं किया.