Special Story

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

ShivNov 15, 20241 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के…

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ क्षिप्रा…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » पुलिस द्वारा दिया जा रहा आपराधिक तत्वों को संरक्षण

पुलिस द्वारा दिया जा रहा आपराधिक तत्वों को संरक्षण

रायपुर।      हर्षा अग्रवाल पति राहुल अग्रवाल प्रियंका कालोनी, कुरुद, थाना कुरुद जिला धमतरी की निवासी है। यह कि मेरे साथ और मेरे पति के साथ असामाजिक तत्वों के द्वारा दिनांक 11 अगस्त 2024 को हमारे पुश्तैनी दुकान और मकान को खुलेआम जे.सी.बी.मशीन के द्वारा तोड़ दिया गया और हमारे साथ जबरदस्ती मारपीट की गई है। मैं इस संदर्भ् में आप सभी के माध्यम से यह कहना चाहतीं हूं कि स्थानीय पुलिस द्वारा अपराधी तत्वों को संरक्षण दिया जा रहा है और उन पर कानून सम्मत कार्यवाही नहीं की जा रही है। घटनाक्रम निम्नानुसार है।

हर्षा अग्रवाल ने कहा मेरे पत्ति राहुल अग्रवाल और मेरे ससुर स्व. संतोष अग्रवाल पुश्तैनी लकड़ी का व्यवसाय हमारी पुश्तैनी जमीन पर करते आ रहे थे। उक्त व्यवसाय को संचालित करने के लिये हमारे पुराने मकान में ऑफिस भी है जिसमें मैं अपने पति का सहयोग करती हूं। दिनाँक 05/08/2024 को व्यवसाय संचालन करने हेतु सुबह 11 बजे गयी थी, क्योकि मेरे पति राहुल अग्रवाल लकड़ी खरीदी हेतु कोड़ार डिपो गये थे। तभी 12 बजे के आसपास हमारे आफिस में अंकिता अग्रवाल, स्नेहा अग्रवाल, रमन सर्राफ उसके दो दोस्त एवं दो बाउंसर लेकर आए और इस जगह को खाली करने को कहा नहीं तो इसे तोड़ देने की धमकी देते हुए टेबल कुर्सी पटकते हुए पोस्टर आदि को फ़ाड़ दिया गया। मेरे द्वारा महिला हेल्प लाइन 1091 में सहायता फोन लगाकर जानकारी दी गई तो थाना कुरूद के दो सिपाही आयें और उनको समझाइश दी और मामले को शांत करा कर उन सभी को वहां से निकाला गया।

घटना दिनांक 11/08/2024 को मेरे पति राहुल अग्रवाल को 11 बजे थाना कुरूद बुलाया गया था। जहां पर उनसे कुछ कागजात पर हस्ताक्षर लिए गए। मेरे पति की मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी जिसकी सूचना भी हमने थाने में दी है। इस बीच हमारी दुकान में अचानक अंकिता अग्रवाल, स्नेहा अग्रवाल, विजय गोयल, अजय सर्राफ, गौरव सर्राफ, रमन सर्राफ दो पुरुष और दो महिला बाउंसर पहुंच गए और मेरे बाल एवं हाथ को पकड़कर दुकान से बाहर निकल कर हाथ और पैरों से मारने लगे साथ ही मेरे कपड़े भी फ़ाड़ दिये। साथ ही उन्होंने मेरे मोबाइल को नाली में फेंक दिया। और अपने साथ लाई जे.सी.बी.मशीन से फर्नीचर माल सहित दुकान और आफिस को तोड दिया गया। मेरे साथ साथ मेरी बहन दिशा को भी मां बहन की गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। किसी तरह अपने को संभाल कर फोन से अपने पति राहुल को मैंने बुलाया तो उनके पहुंचने पर उनके साथ भी जबरदस्त मारपीट की गई।

ये सभी व्यक्ति कुरूद के निवासी नहीं है, इसके बावजूद थाना कुरुद और पदस्थ पुलिस वाले इन सभी का सहयोग कर रहे हैं। घटना के बाद मेरे द्वारा महिला हेल्पलाइन पर फोन किया गया तो थाने में जाकर आवेदन देने कहा गया। आवेदन देने पर बड़ी मुश्किल से हमारा मुलाहिजा और एक्स रे सहित उपचार कराया गया। थाना प्रभारी ने मेरे द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 11/08/2024 पर कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि मुलाहिजा रिपोर्ट आदि का बहाना बना कर मेरी FIR दर्ज करने में आनाकानी कर टाला जा रहा था। तत् पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंजएवं पुलिस अधीक्षक धमतरी के समक्ष लिखित आवेदन सहित निवेदन करने के बाद दिनांक 18/08/2024 को बी.एन.एस.की साधारण और जमानती धाराओं 296 (A). 115(2), 351 (2).191(2), 324 (5) अपराध कायम किया गया है। जबकि हमारे अधिवक्ता गुणवंत सोलंकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं और विधि विशेषज्ञों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि इस संज्ञेय अपराध में पुलिस द्वारा बी.एन.एस.की धारा 61(2), 74, 134, 190, 333के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जाना चाहिए। जबकि आरोपीयों द्वारा ना सिर्फ हमारी पैतृक सम्पत्ति को नष्ट किया गया बल्कि मेरी बांह पकड़कर और मरोड़ते हुए मेरे साथ बलात्कार की खुली धमकी दी गई जो कि मेरे मौखिक बयान और पुलिस द्वारा लिखी गई एफ.आई.आर. FIR में भी दर्ज है। मेरे कथन मे सभी बातें स्पष्ट रूप से बतायीं गई है। जिसे सहायक उपनिरीक्षक पुष्पानंद ध्रुव एवं थाना प्रभारी, कुरूद द्वारा उक्त बातो को बयान के तौर पर एवं पंजीबद्ध अपराध में लिखने को तैयार नहीं है। इससे स्पष्ट तौर पर प्रदर्शित होता है कि स्थानीय पुलिस आरोपीगणों को बचाने के नियत से उनसे सांठ-गांठ कर मेरी शिकायत को उचित रूप से दर्ज नहीं कर रहे हैं। उल्टा मुझे ही डराते और चमकाते हैं कि तुम खुद बहुत बड़ी परेशानी में पड जाओगी। जबकि मैं स्वयं उक्त सभी बातो को अपने बयान एवं रिपोर्ट में दर्ज कराना चाहती हूं। मैं एक विवाहित महिला हूं और मैं अपने स्त्रीत्व और सम्मान को बचाने के लिए कटिबद्ध हूं। उसके पश्चात् भी स्थानीय पुलिस मुझे ही डरा धमकाकर मेरे साथ घटित उक्त कृत्य को दबाने का प्रयास कर रही है, जो कि अत्यंत ही अनुचित है।

मेरी एक सूत्रीय मांग पुलिस अधीक्षक, जिला धमतरी से है कि इस पूरे मामले की विशेष जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या समकक्ष उच्च पुलिस स्तर के अधिकारी के द्वारा कराने की है।

अतः शासन और प्रशासन से मेरा यह निवेदन है मेरी शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ विधि सम्मत सभी धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर कठोर कार्यवाही की जाये साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से हम ये भी मांग करते हैं कि हमारे परिवार की पूर्ण सुरक्षा का दायित्व पुलिस विभाग का है जिसका पालन किया जावे। क्योंकि हमारी संपत्ति की सुरक्षा में पुलिस विभाग असफल रही है। यदि मुझे और मेरे परिवार की जान को किसी भी प्रकार का नुक़सान होता है जिसका पूर्ण दायित्व आरोपीगण और थाना कुरुद का होगा।