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शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने युक्तियुक्तकरण जरूरी

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ShivMay 21, 20253 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर…

डिलीवरी बॉय से मारपीट कर लूट, पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार

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ShivMay 21, 20252 min read

भानुप्रतापपुर। ई-कार्ट डिलीवरी बॉय से लूटपाट कर फरार हुए चार…

गांजा तस्करी के आरोप में आरक्षक गिरफ्तार, ओडिशा से लाकर करवाता था सप्लाई

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ShivMay 21, 20251 min read

मनेंद्रगढ़। पैसों का लालच अच्छे-अच्छों को रास्ते से भटका देता…

राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ल को कार्यकाल पूर्ण होने पर दी गई भावभीनी विदाई

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ShivMay 21, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ल को उनके कार्यकाल…

एनएचएम ने संविदा में नियुक्त किए सात विशेषज्ञ चिकित्सक, इन अस्पतालों में किए गए तैनात…

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ShivMay 21, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा…

छत्तीसगढ़ शासन ने कई विभागों में की प्रशासनिक फेरबदल, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश…

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ShivMay 21, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने आज बड़ी प्रशासनिक फेरबदल करते हुए कई…

May 21, 2025

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छत्तीसगढ़ में रामलला दर्शन योजना के खिलाफ दायर की गई पिटीशन, याचिकाकर्ता ने बताया संविधान के खिलाफ

बिलासपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार की रामलला दर्शन योजना को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. याचिका में सरकार की योजना को संविधान के धर्म निरपेक्षता सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है. मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है.

दरअसल, राज्य शासन की ओर से छत्तीसगढ़वासियों के लिए रामलला के दर्शन की योजना शुरू की है. जिसमें लोगों को अयोध्या धाम ले जाकर रामलला के दर्शन कराकर वापस लाया जाता है. बिलासपुर जिले के देवरीखुर्द निवासी याचिकाकर्ता लखन सुबोध ने इसे संविधान में दिए गए प्रावधानों के खिलाफ बताते हुए इस योजना को बंद करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. रामलला दर्शन योजना संविधान में निहित बातों और शर्तों के विपरीत है. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर तर्क देते हुए योजना को बंद करने के लिए राज्य शासन को आदेशित करने का आग्रह किया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई.

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कहा गया कि रामलला दर्शन योजना किसी धर्म या जाति के आधार पर नहीं की गई है. यह योजना धर्म या जाति के आधार पर फर्क भी नहीं करता है. यह प्रदेशवासियों के भ्रमण के लिए है. प्रदेश में रहने वाले उन गरीबों के लिए यह योजना लाभदायक है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जो धार्मिक यात्रा पर नहीं जा पाते. वे फ्री में अयोध्या पहुंच जाएंगे और रामलला के दर्शन कर वापस आ जाएंगे. मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है, जिस पर हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता.

बता दें कि रामलला दर्शन की योजना राज्य सरकार के कैबिनेट का फैसला है. मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.