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छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

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बिना सामान खरीदे लाखों का भुगतान, तत्कालीन नगर पालिका CMO और अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग

खैरागढ़।   नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस्तीफे मामले मे अब तक कोई वास्तविक कार्यवाही नहीं होने के बाद अब पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने आर्थिक अनियमितता बरतने के मामले में कलेक्टर सहित नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव और संचालक को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्यवाही कर पद से बर्खास्त करने की मांग की है.

मंत्रालय सहित मंत्री और कलेक्टर से की गई शिकायत में तत्कालीन नगर पालिका सीएमओ सहित अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है. पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने बताया कि पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा सहित तत्कालीन सीएमओ के अवधि के दौरान सांठगांठ कर लाखों रुपए की अनियमितता बरती गई है. उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि एक जून 23 से 31 दिसंबर 23 की अवधि में नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षद, 14 वें वित्त, 15 वें वित्त, राज्य परिवर्तित, पालिका, दीदी बर्तन बैंक, मरम्मत संधारण, जलकष्ट निवारण मदों के अलावा अन्य मदों से सामाग्री क्रय किया जाना दर्शाकर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है.

रजक ने शिकायत में कहा कि पालिका द्वारा प्रदाय किए दस्तावेजों में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रमाणक अनुसार 25 जुलाई 23 को राशि 17 लाख 64 हजार का भुगतान चेक के माध्यम से स्टेट बैंक और उसी तिथि में चेक से 20 लाख 9 हजार रुपए दोनों भुगतान पार्षद अध्यक्ष निधि अंतर्गत जिम सामाग्री क्रय करने किया गया है. पालिका द्वारा इस दौरान क्रय नियमों का पालन करे बगैर न तो भाव पत्र आमंत्रित किया गया है और न ही किसी प्रकार की निविदा पद्धति के नियमों का पालन किया गया है. औपचारिक कार्यवाही को नजरअंदाज कर सिर्फ कागजों में भ्रष्टाचार करने फर्जी भुगतान किया गया है.

शिकायत पत्र में कहा गया है कि अध्यक्ष एवं तत्कालीन सीएमओ ने आपसी सांठगांठ कर बिना कोई सामाग्री क्रय किए कुल 37 लाख 73 हजार रुपए की बड़ी राशि का भ्रष्टाचार किया गया है. मामले में सबसे बड़ी जानकारी सामने आई है कि इस खरीदी और भ्रष्टाचार के दौरान नगरपालिका में इससे संबंधित कोई बिल बाऊचर और फाइल उपलब्ध नहीं है. इसके लिए तत्कालीन सीएमओ को मुख्य रूप से दोषी बताते कहा गया है कि इस भ्रष्टाचार में भुगतान किए गए राशि का चेक अध्यक्ष और सीएमओ द्वारा जारी किया गया है, जबकि पालिका द्वारा कोई जिम सामाग्री क्रय नहीं किया गया है. क्रय किए जाने की स्थिति में सरकार के भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है. रामाधार रजक ने मामले की गंभीरता के आधार पर तत्कालिक जांच कर तत्कालीन सीएमओ एवं पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है.