Special Story

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

ShivApr 19, 20252 min read

बिलासपुर।  न्यायधानी बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कथित…

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

ShivApr 19, 20252 min read

रायपुर।   सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

काम नहीं करने की शिकायत पर उपमुख्यमंत्री से पटवारियों ने की मुलाकात

रायपुर- जब से सरकार बदली है, जन सूचना शिविर व अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में लोग जनप्रतिनिधियों के समक्ष पटवारी पर काम नहीं करने की शिकायत करते हुए नजर आते हैं. वहीं पटवारियों का कहना है कि उनके अधिकार क्षेत्र बहुत सीमित हैं. आय, जाति, निवास के अलावा राशनकार्ड, सत्यापन, भूमि मापन जैसे कार्यों को छोड़कर 90 % कार्य तहसील अथवा अनुविभागीय कार्यालय से संपन्न होते हैं. स्थिति को देखते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर पटवारियों ने अपनी परेशानियों से अवगत कराया.

पटवारी संघ के संभाग अध्यक्ष निर्मल साहू, जिला अध्यक्ष पालेश्वर सिंह, प्रांतीय कोषाध्यक्ष सतीश चंद्राकर, रामचन्द्र साहू व अन्य पटवारियों ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की. पटवारियों ने बताया कि कृषकों को भूमि विक्रय करने के लिए पूर्व में बिक्री नकल की आवश्यकता होती थी, लेकिन शासन ने इसे बन्द करा दिया है. कुछ जिलों में सीधे ऑनलाइन अभिलेख के आधार पर ही विक्रय पंजीयन किया जा रहा है, वहीं कुछ जिलों में पटवारियों से चौहद्दी विवरण दर्ज करवाया जाता है. इसके अलावा भुइयां सॉफ्टवेयर में कृषक नामांतरण, बंटवारा, फौती आदि कार्यों के लिए आवेदन दे सकते हैं.

पंजीयन कार्यालय अथवा नागरिक सुविधा से सीधे ऑनलाइन नामांतरण पंजी में प्रकरण दर्ज हो रहा है, जिसमें पटवारी सिर्फ प्रतिवेदन देने का कार्य करते हैं, इश्तहार नोटिस जारी करना, आवश्यक बयान लेना आदि सभी कार्य तहसील में होता है. तहसीलदार के आदेश उपरांत ही पटवारी अभिलेख दुरुस्ती का कार्य कर सकते है. अभिलेख दुरुस्ती हेतु भी फिफो सिस्टम लागू है, साथ ही समय सीमा निर्धारित है, जिसकी समीक्षा उच्चाधिकारियों द्वारा किया जाता है.

पूर्व में हो चुके नामांतरण के आधार पर भी ऑनलाइन दुरुस्ती पटवारी द्वारा सीधे नहीं किए जा सकती हैं. यदि किसी कृषक का एक ही गांव में एक ही धारणाधिकार में अलग-अलग खाता बन गया है, तो उसे भी एक खाता नहीं किया जा सकता है. इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में आवेदन देकर ही सुधार करवाया जा सकता है. इसी प्रकार से सामान्य त्रुटि जैसे नाम मे मात्रा त्रुटि उदाहरण यदि किसी का नाम राम है, वह त्रुटिवश रामा हो गया है, उसे भी पटवारियों को सुधारने का अधिकार नहीं है.

इस प्रकार की सामान्य त्रुटि सुधार के लिए भी अनुविभागीय कार्यालय में प्रकरण दर्ज होगा, आदेश उपरांत ही पटवारी द्वारा सुधार किया जा सकता है. नक्शा बटांकन के लिए भी पटवारी द्वारा मौका जांच कर प्रतिवेदित किया जाता है, राजस्व निरीक्षक द्वारा अप्रूवल करने पश्चात ही नक्शा सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होता है. यदि नक्शा त्रुटि पूर्ण है, तो उसमें भी सुधार करने का अधिकार पटवारियों को नहीं है. गिरदावरी उपरांत फसल की ऑनलाइन प्रविष्टि समय सीमा में पटवारियों द्वारा किया जाता है, समय सीमा उपरांत यदि किसी का फसल गलत प्रविष्ट हो गया है तो उसे भी पटवारियों द्वारा सीधे नहीं सुधारा जा सकता है.

भुइयां सॉफ्टवेयर में ये तमाम नियम और उपलब्ध सुविधाओं से स्पष्ट है कि पटवारी सिर्फ प्रतिवेदक है. विभागीय कार्यों के साथ-साथ निर्वाचन, आगजनी, बाढ़, शिविर, मेला, वीआईपी प्रोटोकॉल आदि में भी पटवारियों से कार्य लिया जाता है. आय-जाति-निवास के अलावा राशनकार्ड, सत्यापन, भूमि मापन आदि कार्यों को छोड़कर 90 प्रतिशत कार्य तहसील कार्यालय अथवा अनुविभागीय कार्यालय से होना है. इन सबके बावजूद किसानों द्वारा पटवारी मेरा काम नहीं कर रहा है जैसे शब्द शिविर में सुनाई देता है, और कोपभाजन का शिकार भी पटवारी हो रहे हैं.