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शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivApr 10, 20253 min read

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प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

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ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन…

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivApr 10, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के…

April 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में भी होगी पेरेंट-टीचर मीटिंग, स्‍कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों को जारी किए निर्देश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब प्राइवेट स्कूलों की तरह नियमित रूप से पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित की जाएगी। राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया है। जिसके मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग का आयोजन 6 अगस्त 2024 को संकुल (Cluster) स्तर पर किया जाएगा।

स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किये गए पत्र के अनुसार, प्रत्येक संकुल में बैठक के पूर्व तैयारियों को सुनिश्चित करने और जिला स्तरीय टीम द्वारा भौतिक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक के दौरान, 12 निर्धारित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और शिक्षकों का चिन्हांकन कर उनका उन्मुखीकरण कराया जाएगा, ताकि वे पालकों को सही जानकारी प्रदान कर सकें।

बैठक के दौरान शिक्षक, शासन द्वारा संचालित विद्यार्थी हितग्राही योजनाओं की जानकारी देंगे, ताकि पालक और विद्यार्थियों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही, शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। बैठक में केवल शिक्षक और पालक ही शामिल होंगे। विद्यालयों में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा और आधे शिक्षक बैठक में तथा आधे शिक्षक शैक्षणिक कार्य में व्यस्त रहेंगे। शाला विकास समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, काउंसलर और शिक्षाविदों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा ताकि पालकों को श्रेष्ठ पालकत्व की ओर अग्रसर होने में सहायता मिल सके। बैठक की निगरानी जिला स्तर पर एक दल द्वारा अनिवार्य रूप से की जाएगी।

देखें आदेश –