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ShivJun 6, 20254 min read

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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June 7, 2025

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पहाड़ी कोरवा आत्महत्या मामला: फर्जी तरीके से दूसरे के नाम कर दी गई थी मृतक की जमीन, संभाग आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार को किया निलंबित

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम भेस्की में पहाड़ी कोरवा समुदाय के व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। विशेष संरक्षित जनजाति वर्ग की जमीन को फर्जी तरीके से खरीदने के मामले में सरगुजा संभाग आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार एवं प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही विवादित जमीन का विक्रय नामा भी निरस्त कर दिया गया है।

बता दें कि दिसंबर 2024 में भेस्की के पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्यों ने थाना राजपुर और पुलिस चौकी बरियों में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि भइरा कोरवा के नाम पर दर्ज संयुक्त खाते की जमीनों को पटवारी से सांठ-गांठ कर सामान्य वर्ग के व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई। मामले की शिकायत कलेक्टर और एसपी बलरामपुर से भी की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित भइरा कोरवा ने जमीन हथियाए जाने की शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर 22 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और जांच शुरू की गई।

जमीन खरीद में हुआ फर्जीवाड़ा

तहसीलदार यशवंत कुमार के निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बलरामपुर-रामानुजगंज के निर्देश पर हुई जांच में पाया गया कि भइरा कोरवा के नाम पर संयुक्त खाते में दर्ज ग्राम भेस्की की कुल 2.411 हेक्टेयर भूमि को बिना सहखातेदार की अनुमति और सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बेचा गया। यह स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ शासन के वर्ष 2000 के आदेश का उल्लंघन है, जिसमें जनजातीय समुदाय की ज़मीन की खरीद-बिक्री के लिए प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य की गई है।

तहसीलदार यशवंत कुमार पर आरोप है कि उन्होंने विशेष जनजातीय व्यक्ति (भइरा कोरवा) की भूमि को धोखाधड़ी और षड्यंत्रपूर्वक पंजीकृत किया, जो न केवल सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि संगठित अपराध की श्रेणी में आता है। उनके विरुद्ध चौकी बरियों, थाना राजपुर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), एवं 3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय सूरजपुर निर्धारित किया गया है।

तहसीलदार का निलंबन आदेश

7 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें कि इस मामले में क्रशर संचालक शिवराम, विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, महेंद्र गुप्ता, उदय शर्मा, पटवारी राहुल सिंह और तहसीलदार यशवंत कुमार के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 3(5), 318(4), 336(3), 338, 340(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में मुख्य आरोपी क्रशर संचालक विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल सहित यशवंत कुमार और पटवारी राहुल सिंह अब तक फरार बताए गए हैं और उनका क्रशर प्लांट प्रशासन ने सील कर दिया है।