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संकट की घड़ी में हमारी एकता ही देश की सबसे बड़ी ताकत है: मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर।    वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण परिस्थिति में सभी धर्मो, समाजों एवं सम्प्रदायों के बीच शांति, सौहार्द एवं एकजुटता के उद्देश्य से आज राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में सर्वधर्म सभा आयोजित की गई। सभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति केवल सीमाओं पर युद्ध की चुनौती नहीं है बल्कि यह हमारे समाज की एकजुटता, हमारी संस्कृति की सहिष्णुता और हमारे नागरिकों की जागरूकता की परीक्षा भी है। हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज में संयम, शांति और सद्भाव को बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि जब हमारा राष्ट्र संघर्ष से गुजर रहा हो तो केवल सीमाओं पर तैनात हमारे सैनिक ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक की चेतना, एकता और संकल्प ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है। श्री डेका ने कहा कि सदियों से भारत एक ऐसा देश रहा है जिसने विविधताओं को अपनाया है। जहां पूजा की विधियां भले ही भिन्न हो पर मानवता की मूल भावना सभी में एक समान है। जब-जब देश पर संकट आया है हर धर्म, हर जाति, हर वर्ग के लोग कंधे से कंधे मिलाकर खड़े हुए हैं। वर्ष 1965 और 1971 के युद्ध हो या 1999 का कारगिल का संघर्ष हर बार हमारे देश ने यह सिद्ध किया है कि हम किसी धर्म, सम्प्रदाय या भाषा के नाम पर विभाजित नही हो सकते। देश में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और अन्य सभी धर्मो के लोग मिलजुल कर रहते है। छत्तीसगढ़ भी इस सांस्कृतिक समन्वय का जीवंत उदाहरण है।

श्री डेका ने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील की कि वे एकजुट रहे शांति और सौहार्द बनाएं रखें। अभी यह सोचना है कि देश व समाज को क्या दे सकते है। हमें एकजुट होकर देश के लिए खड़ा होना है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत देश सत्य, अहिंसा और शांति का पुजारी है। आज के इस बैठक में सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने एकता का संकल्प दोहराया है। इस घड़ी में हम सभी को यह दिखाना है कि हम एकजुट है और देश के सैनिकों के अदम्य साहस को हम प्रणाम करते है। हमारी सेना के जवानों ने आंतकियों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमें बहुत सचेत रहने की जरूरत है। ऐसे समय में असामाजिक तत्व भी लाभ उठाने का प्रयास करते है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में आ रही भ्रामक सूचनाओं से भी जनमानस को सतर्क रहने कहा।

सभा में विभिन्न धार्मिैक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए देश की एकता और अखंडता पर जोर दिया। शांति एवं सद्भाव बनाएं रखने के लिए एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करने तथा शासन एवं प्रशासन के हर निर्देशों का पालन करने की बात कही।

सर्वधर्म सभा में जैन समाज के चंद्रेश शाह, शदाणी दरबार के युधिष्ठिर महाराज, ब्रम्हाकुमारी शांति सरोवर की सविता बहन, सिक्ख समाज के सरदार अमरिक सिंह, बोहरा समाज के फिरोज गांधी, ब्राम्हण समाज के दीवाकर तिवारी, बौद्ध समाज के भंते डॉ. जीवक, रामकृष्ण मिशन के किशोर महाराज, भारत सेवा संघ के स्वामी शिवरूपानंद जी महाराज, बिशप डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ की सुषमा कुमार, गायत्री परिवार के दिलीप पाणिग्राही, मुतवल्ली जामा मस्जिद के अब्दुल फहिम और कालीबाड़ी बंगाली समाज के रंजन बनर्जी ने अपने विचार व्यक्त किए। पहलगाम आंतकी हमले और युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले नागरिको की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर प्रसन्ना, संयुक्त सचिव निधि साहू, कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव कुमार सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी सहित विभिन्न धर्मो, सम्प्रदायों के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।