चुनाव हारने के डेढ़ साल बाद पूर्व मंत्री को बालको की वादाखिलाफी और मनमानी याद आयी, जिला प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप

कोरबा। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने चुनाव हारने के डेढ़ साल बाद एक बार फिर धमाकेदार कमबैक किया है। बालको की मनमानी और वादाखिलाफी के मुद्दे पर जयसिंह अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये। उन्होने चेतावनी दिया है कि समय रहते जिला प्रशासन बालको की मनमानी के खिलाफ सख्त एक्शन नही लेता है, तो कांग्रेस पार्टी के बैनर तले वे खुद बड़ा आंदोलन करेंगे। कांग्रेस के दबंग नेताओं की गिनती में आने वाले जयसिंह अग्रवाल के इस चेतावनी की अब राजनीतिक गलियारे में कई तरह के मायने निकाले जा रहे है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक संस्थानों की मनमानी किसी से छिपी नही है। ऐसे में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के गृह जिले में अगर मनमानी हो रही हो, तो इसे आप क्या कहेंगे ? कोरबा में बालको संयंत्र की मनमानी और वादाखिलाफी को लेकर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बिगुल फूक दिया है। इसके लिए बकायदा पूर्व मंत्री ने कांग्रेस कार्यायल में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बालको की मनमानी और जिला प्रशासन पर इन सारी मनमानियों को अनदेखी कर संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया। जयसिंह अग्रवाल ने आरोप लगाया कि बालको संयंत्र के विस्तार की जनसुनवाई का उन्होने खुद समर्थन किया था। ताकि संयंत्र के विस्तार से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन आज स्थानीय लोगों के हितो पर कुठारा घात कर बालको प्रबंधन लगातार मनमानी कर रहा है.
आखिर क्यों बालको संयंत्र पर लग रहे है मनमानी के आरोप
कोरबा जिला में संचालित बालको संयंत्र एक बार फिर अपनी मनमानी को लेकर सुर्खियों में है। ऐसा नही है कि कोरबा में बालको की वादाखिलाफी और मनमानी आज-कल में शुरू हुई हो, ये मनमानी कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में भी जारी थी। उस वक्त सरकार के करीबी लोग बालको के साथ जुड़कर इस मनमानी में अपने मुनाफे की रोटियां सेकने में जुटे हुए थे, और जिले की जनता शहर में खुलेआम पाटे जा रहे राख से हलाकान थी। उस वक्त सरकार के करीबी के.के.श्रीवास्तव की तूती बोलती थी। लिहाजा उस वक्त बालको में के.के. श्रीवास्त के वर्चस्व के खिलाफ भी पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला था।
लेकिन सूबे के मुखिया के साथ राजनीतिक मतभेद के कारण पूर्व मंत्री के विरोध का कोई असर नही हो सका। मौजूदा वक्त में बालको संयंत्र के विस्तार का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। राजनीतिक जानकारों की माने तो संयंत्र के विस्तार में बड़े कामों को लेकर बालको पर हर तरह के एप्रोच और दबाव बनाये जा रहे है। इसी बीच पूर्व मंत्री ने बालको की वादाखिलाफी और मनमानी को लेकर आंदोलन की चेतावदी दे दी है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि पूर्व मंत्री की ये चेतावनी सिर्फ चेतावनी बनकर रह जाती है या फिर वास्तव में जनहित में आंदोलन कर बालको की मनमानी पर अंकुश लगाया जायेगा ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
पौधारोपण के लिए 5 एकड़ दिया बालको ने 15 एकड़ पर किया कब्जा
पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको की मनमानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए 15 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होने बताया कि बालको के राखड़ बांध के ठीक बगल में लो लाइन एरिया में राख भराव के बाद वहां सघन पौधारोपण के लिए वन विभाग द्वारा 5 एकड़ भूमि के उपयोग की अनुमति दी गयी थी। लेकिन बालको ने इस जमीन पर प्लांटेशन कराने की जगह वहां राख पाटने के साथ ही 15 एकड़ जमीन पर अलग से कब्जा कर लिया। जिस पर आज तक बालको के विरूद्ध कोई एक्शन नही हुआ। कोहड़िया स्थित करोड़ों रूपये कीमती 19.69 एकड़ सरकारी जमीन बालको के नाम पर रिकार्ड में चढ़ाने के मामले में जयसिंह अग्रवाल ने जिला प्रशासन पर सवाल खड़े किये। उन्होने आरोप लगाया कि इस बड़े फर्जीवाड़े में जिला प्रशासन ने बालको प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई न महज एक पटवारी को सस्पेंड कर खानापूर्ति कर दी गयी.