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थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

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ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025: बस्तर और सरगुजा में 13 नए ग्रामीण मार्गों का चयन, बस सेवा जल्द होगी शुरू

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025…

June 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर राजस्व प्रशासन में नवाचार के लिए तैयार की जा रही रणनीति, भू-नक्शों के जिओ-रिफ्रेंसिंग से आएगी भूमि विवादों में कमी

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में आगामी कुछ दिनों में राजस्व प्रशासन काफी चुस्त-दुरूस्त नजर आएगा। राजस्व प्रशासन में नई-नई तकनीकों के माध्यम से नवाचार करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के मद्देनजर राजस्व प्रशासन में नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस नई तकनीक का नाम जिओ रिफ्रेंसिंग है। इस तकनीक के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल.पिन नंबर दिया जाएगा। साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड मिलेगा। राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस नई तकनीक के इस्तेमाल को अपनी मंजूरी दे दी है, इसके लिए बजट में प्रावधान भी कर दिया गया है। जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के उपयोग के लिए राजस्व से जुड़े अमलों की व्यवस्था के साथ ही इनके प्रशिक्षण के लिए रणनीति बनाई जा रही है। जिओ रिफ्रेंसिंग के काम को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के नवीन पदों का सृजन किया जा रहा है।

जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक में छोटी से छोटी भूमि का लॉन्गीट्यूड और एटीट्यूड के माध्यम से वास्तविक भूमि चिन्हांकित करना आसान हो जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में भूमि संबंधी आने वाली दिक्कतों के मद्देनजर भूमि का नवीन सर्वेक्षण किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में भूमि स्केल का पैमाना 1ः500 रखा जाएगा। इससे नगरीय क्षेत्रों में घनी आबादी होने पर ही छोटे से छोटे भूखण्ड को भू नक्शे में आसानी से दर्ज किया जा सकता है। राजस्व प्रशासन में सुधार की दृष्टि से भूमि के डायवर्सन कराने की प्रक्रिया को भी ऑनलाईन करने की योजना है।

राजस्व संबंधी दिक्कतें लोगों को उनके क्षेत्र में ही सुलझाने के लिए नये स्थानों पर उप तहसील कार्यालय शुरू करने के भी पहल की जा रही है। इसी प्रकार नवगठित अनुविभागों में भी तहसील कार्यालय शुरू होंगे। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने मुंगेली जिले के चकरभाठा और बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के सकर्रा में उप तहसील कार्यालय शुरू करने की घोषणा की गई है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना शुरू करने के भी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।