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मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा निर्णयः प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद

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ShivJan 24, 20251 min read

दतिया। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 17 पवित्र (धार्मिक) स्थानों में…

मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले लागू की है “ई-समन” व्यवस्था : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 24, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी…

माँ नर्मदा के आशीर्वाद से निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 24, 20251 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को लोकमाता अहिल्याबाई…

बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- छत्तीसगढ़ में भी होनी चाहिए शराबबंदी

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ShivJan 24, 20252 min read

रायपुर। मध्यप्रदेश में धार्मिक नगरों में शराब बंदी की घोषणा पर…

गणतंत्र दिवस पर्व को लेकर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि से भूल… पत्र वायरल

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ShivJan 24, 20251 min read

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय किसी न किसी मुद्दे को…

January 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री साय की पहल पर राष्ट्रपति से मिलने नक्सल पीड़ित पहुँचे दिल्ली, ‘सुनो नक्सली हमारी बात’ के नारे के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन…

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर माओवादी हिंसा की वजह से अपाहिज हुए बस्तर के लोग आज बस्तर शांति समिति के बैनर तले दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. नक्सलियों के लगाए बम से अपाहिज होने वाले एक-दो नहीं बल्कि हजारों में है, जिनका प्रतिनिधित्व करते हुए दिल्ली पहुंचे बस्तर के लोग प्रदर्शन के साथ राष्ट्रपति और गृह मंत्री से मुलाकात कर अपनी व्यथा बताएंगे.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर “केंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन कर रहे इन नक्सल पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया है.

मुख्यमंत्री साय ने बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से कई बार संवाद किया और उनके दुख-दर्द को नजदीक से समझा. उन्होंने महसूस किया कि इन पीड़ितों की समस्याओं को केवल राज्य तक सीमित नहीं रखा जा सकता और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद ही नक्सल पीड़ित आज जंतर मंतर पर अपने अधिकारों और शांति की मांग को सबके सामने रखने का फैसला लिया.

जंतर मंतर पर आंदोलन के दौरान, ग्रामीणों ने माओवादी हिंसा के कारण झेले गए शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कष्टों को व्यक्त किया. वहीं नारायणपुर जिला की रहने वाली राधा सलाम बताती हैं कि बचपन में अपने भाई के साथ आंगनबाड़ी जा रही थी. इस दौरान इमली पेड़ के नीचे नक्सलियों के लगाए बम को बॉल समझकर उसके भाई के उठाए जाने पर फट गया, जिससे दोनों भाई-बहन घायल हो गए.

राधा बताती है कि घटना में लगी चोट से आज उसे एक आंख से दिखाई नहीं देता है, वहीं दूसरे आंख से कम दिखाई देता है. उसका कहना है कि वह बड़ी होकर आईपीएस बनकर नक्सलियों से बदला लेना चाहती हूं, जिससे दूसरे लोग उसके और उसके भाई की तरह न भुगतें. हम अपनी पीड़ा को बताने के लिए दिल्ली आए हैं, जिससे हमारी पीड़ा को लोग जाने और नक्सलियों की करतूत को समझे.

सुकमा जिले के निवासी महादेव दूधी बताते हैं कि वे दंतेवाड़ा गए थे. वापसी के दौरान बस में विस्फोट हो गया, जिससे उसके एक पैर को काटना पड़ गया. घटना के बाद से जीना मुहाल हो गया है. कोई वजह की चीज नहीं उठा पाता हूं. लेकिन मेरी तरह दूसरों को न भुगतना पड़े इसके लिए मैं (प्रदर्शन करने ) दिल्ली में आया हूं.

गृह मंत्री अमित शाह से करेंगे मुलाकात

इस आंदोलन के बाद नक्सल पीड़ितों का यह दल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा. वे बस्तर की वर्तमान स्थिति और नक्सली हिंसा से जुड़े मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा करेंगे और समाधान के लिए ज्ञापन सौंपेंगे. ज्ञापन में बस्तर में शांति बहाली, विकास कार्यों में तेजी लाने और सुरक्षा बलों की उचित तैनाती की मांग की जाएगी.

पीड़ितों को न्याय और शांति की उम्मीद

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस प्रेरक पहल से बस्तर के नक्सल पीड़ितों को अपनी पीड़ा और समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर मिला है. उनकी हौसला अफ़ज़ाई और समर्थन से इन पीड़ित परिवारों को न्याय और शांति की उम्मीद की एक नई राह मिली है, जिससे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है.