Special Story

औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 22, 20257 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की…

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

दसलक्षण पर्युषण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म पर 9वे तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का अभिषेक, शांति धारा का किया गया आयोजन

रायपुर।     राजधानी रायपुर के सब से प्राचीन लगभग 150 वर्ष पुराने श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड रायपुर में आज दस लक्षण पर्युषण महापर्व के अवसर के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की आराधना की गई। जिनालय के पूर्व अध्यक्ष संजय जैन नायक ने उत्तम शौच धर्म के बारे में बताया की स्वच्छता, शुचिता, पवित्रता निर्मलता को ही शौच धर्म कहते हैं। कषाय परिणाम से आत्मा मलिन होती है, आत्मा से अशुद्धि को हटाना, मलिनता दूर करना, यही शुचिता है। पवित्रता तभी आयेगी जब तुम परिग्रह से मुख मोड़ लोगे, कषायों को छोड दोगे। चाह ही चिंता बढ़ाती है, चाह ही कषाय भड़काती है। आकांक्षा ही विशुद्धि घटाती है। कामनायें ही कष्ट देती हैं। कामनायें ही बिनाशकारी हैं। लोभ से, कामना से, कषाय से कोई वस्तु प्राप्त नहीं होती है, जो भी प्राप्त होता है वह पुण्य से होता है और पुण्य दया, करुणा, गुरु सेवा, प्रभु भक्ति और तप से प्राप्त होता है। लोभ छोड़ो, पुण्य बढ़ाओ। निर्लोभ वृत्ति ही शौच धर्म है। शुचिता ही शौच है। आज जिनालय के मूलनायक भगवान आदिनाथ,एवं पार्श्वनाथ भगवान,महावीर भगवान के बेदियो के समक्ष प्रातः सुबह से ही भक्तो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। आज जैन धर्म के नवें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव भी धूम धाम से भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर जिनालय की सभी बेदी में धर्म प्रेमी बंधुओ ने सुबह 7 बजे से मंगलाअष्टक पढ़ कर जिन प्रतिमाओं को पांडुक्षिला में विराजमान किया। विधि पूर्वक प्रासुक जल को जल शुद्धि मंत्र पढ़ कर शुद्ध किया। अभिषेक पाठ पढ़ कर रजत कलशों से भगवान का अभिषेक किया गया। साथ ही रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा सभी बेदी में कर श्री जी की समता भाव पूर्वक संगीतमय आरती को गई। अभिषेक उपरांत प्राप्त शुद्ध गंधोधक को सभी के अपने मस्तक में धारण कर। तत्पश्चात अष्ट द्रव्यों से निर्मित अर्घ्य से भगवान का पूजन,विधान आदि क्रियाएं संपन्न कर अंत में विसर्जन पाठ पढ़ कर पूजन विधान विसर्जन किया गया। आज विशेष रूप से पूर्व अध्यक्ष संजय नायक, श्रेयश जैन बालू, संजय जैन मोहबा बाजार, नरेंद्र जैन, शैलेंद्र जैन, राजेंद्र उमाठे, योगेश जैन गुरुकृपा, सुनील जैन, रासु जैन, प्रवीण जैन, इंजी.राजीव जैन, श्रद्धेय जैन विक्की, राजा जैन, शुभम जैन, प्रणीत जैन, नीरज जैन, समित जैन के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।