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प्रायवेट को पीछे छोड़ेंगे सरकारी स्कूल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रायवेट को पीछे छोड़ेंगे सरकारी स्कूल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMay 13, 20253 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

May 14, 2025

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प्रदेश के छः स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान किया गया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी बधाई

रायपुर।  उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने नवम्बर माह में ही  इन छः स्वास्थ्य केंद्रों  का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में महासमुंद ज़िले के प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र लंबर को 94.24%, नारायणपुर ज़िले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र करमरी को 91.87% व एड़का को 86.08% के साथ कांकेर जिले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र अर्रा को 95.03%, तेलगरा को 93.53% व पर्रेकोदो को 89.81% अंक प्राप्त हुए हैं ।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।  दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।