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भारतीय सेना पर देश और दुनिया को है गर्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 19, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पूरे देश…

सभी के लिए प्रेरणादायी है मन की बात कार्यक्रम : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 19, 20253 min read

भोपाल।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की…

पगड़ी की जगह हेलमेट पहनकर निकले पांच दिव्यांग दूल्हे, बाराती बनी पुलिस

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ShivJan 19, 20251 min read

धमतरी। धमतरी जिले में आज एक अनोखी शादी का आयोजन किया…

महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगी भयानक आग, फटे सिलेंडर, कई टेंट जलकर हुए खाक

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ShivJan 19, 20252 min read

प्रयागराज।  महाकुंभ मेला क्षेत्र के शास्त्री ब्रिज सेक्टर-19 कैंप में…

January 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अब तय नहीं करनी होगी लंबी दूरी, पहाड़ी कोरवाओं को नजदीक के दुकानों में मिलेगी राशन पूरी, कोरबा के छह दूरस्थ गांव के ग्रामीणों का सहारा बना पीडीएस

रायपुर।  बेहतर वितरण प्रणाली से देश-विदेश में अपनी पहचान साबित कर चुकी छत्तीसगढ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) सही मायने में ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ अंचल तक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित होनें से पहाडी व सरहदी इलाकों में बसने वाले ग्रामीणों को सहूलियते बढ गई है साथ ही सैकड़ों गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिलने की गारंटी भी हो गई है। राज्य में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जो दूरस्थ क्षेत्र में होने के साथ ही मजरा टोले एवं पारा से जुड़े है और इन ग्रामों की आबादी न तो घनी है है और न ही अधिकांश घर आस पास है। विषम परिस्थितियों के बीच बसर करने वाले ग्रामीणों का शासकीय उचित मूल्य की दुकान खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत मिल रही खाद्यान्न ही एकमात्र सहारा है, जहां इन्हें प्रत्येक माह चावल समेत दूसरी सामग्री मिलने की गारंटी होती है। कोरबा जिले के सुदूर वनांचल लामपहाड़ सहित बगदरीडांड, परसाखोला, बहेरा, खोरी भावना,सरडीह के कार्डधारियों को पहले अपने ग्राम पंचायत में 12 से 17 किलोमीटर तक की दूरी तय कर खाद्यान्न लाना पड़ता था। इस दौरान उन्हें खाद्यान्न लाने के लिए किराए का वाहन तक भी लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुशार कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने राशन दुकान से बहुत दूर आश्रित ग्रामों के कार्डधारियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न लेने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरस्थ क्षेत्र लाम पहाड, सरडीह, बगदरीडांड में रहने वाले पहाड़ी कोरवा लाभन्वित हुए हैं।

कोरबा विकासखंड से लगभग 80 किलोमीटर दूर ग्राम लामपहाड में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा निवास करते हैं। लामपहाड़ ग्राम पंचायत बड़गांव का आश्रित ग्राम है। जो कि बड़गांव से 12 किलोमीटर दूर है। लामपहाड़ से लगभग 4 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत अरसेना के शासकीय उचित मूल्य के दुकान में 78 राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न प्रदान करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसी तरह ग्राम पंचायत बेला से 6 किलोमीटर दूर परसाखोला के 66 राशनकार्डधारियों को दो किलोमीटर दूर चुईया के राशन दुकान में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। ग्राम सोनगुड़ा के आश्रित ग्राम तराईडांड की दूरी 5 किलोमीटर दूर होने पर नजदीक के ग्राम 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुरी में, गढ़उपरोड़ा के आश्रित ग्राम बहेरा की दूरी 10 किमी होने पर तीन किलोमीटर दूर सतरेंगा में और ग्राम पंचायत केराकछार के आश्रित ग्राम बगदरीडांड, खोरीभावना, सरडीह की दूरी लगभग 17 किलोमीटर थी। जिसे 5 किलोमीटर दूर मदनपुर के शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में स्थानान्तरित कर में हितग्राहियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। शासकीय उचित मूल्य की दूकान से कार्डधारी ग्रामीणों को अनाज एवं अन्य सामग्री, शक्कर, नमक तथा चना प्राप्त होता है। अलग-अलग गांव के ग्रामीणों की जरूरतों की पूर्ति महीने के निर्धारित दिनों में होती है। ग्रामीणों की माने तो पहले लंबी दूरी तय कर चावल लाना बड़ी चुनौती थी।

महीने भर की चिंता से मिलती है मुक्ति-

ग्राम लामपहाड का पहाड़ी कोरवा संतोष कुमार और उनकी पत्नी दिलेश्वरी बाई, रघुवीर कोरवा और उनकी पत्नी सुखमती बाई, मंगलू कोरवा, धनसिंह मजदूरी का काम करता है। पहाड़ी कोरवा बताते हैं कि सरहदी पहाड़ी इलाका होने की वजह से खेती कार्य आसान नही है, ऐसी स्थिति में राशन कार्ड उनके परिवार का प्रमुख सहारा है। पहाड़ी कोरवा संतोष बताता है कि महीने में एक बार 12 किलोमीटर दूर बड़गांव के राशन दुकान में जाने में बहुत समय लगता था। वहां से अनाज को उठाकर इतनी दूरी तय करना भी मुश्किल था, इसलिए किराए में वाहन करना पड़ जाता था। अब पास के ही दुकान में खाद्यान्न उपलब्ध होने से उनका समय और किराए के वाहन का पैसे भी बचेंगे।