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ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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छत्तीसगढ़ का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल हुआ पेश, लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा- सामाजिक न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचा

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ShivApr 9, 20253 min read

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भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे थाने

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ShivApr 9, 20252 min read

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April 10, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

अब दो बार होगी सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा, नहीं होगा सप्लीमेंट्री एग्जाम, ड्राफ्ट को मिली मंजूरी

दिल्ली।   केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दसवीं की परीक्षाएं साल में दो बार कराने को मंजूरी दे दी है. साल 2026 से CBSE की पहले चरण की परीक्षाएं फरवरी मार्च में और दूसरे चरण की परीक्षाएं मई में आयोजित की जाएंगी. केंद्रीय बोर्ड ने मंगलवार को इसके मसौदे को मंजूरी दे दी है. सीबीएसई के मुताबिक पहले चरण में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी मार्च में और दूसरे चरण की परीक्षाएं मई में कराई जाएंगीं.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अब 10वीं की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगीं. यह नियम 2026 से लागू होगा. जानकारी के मुताबिक 10वीं कक्षा की साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षा पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. वहीं संबंधित विषयों की प्रायोगिक परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन एक ही बार किया जाएगा. इसके अलावा दोनों परीक्षाओं के लिए छात्रों को एक ही केंद्र आवंटित किया जाएगा. छात्रों को इसके एवज में परीक्षा शुल्क ज्यादा देना होगा.

छात्रों को मिलेगा ऑप्शन

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की साल में दो बार परीक्षा कराए जाने के निर्णय के बाद अब छात्र ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जाम जेईई की तरह ऑप्शन चुन सकेंगे कि उन्हें परीक्षा एक बार देनी है या दो बार. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक छात्रों को यह तय करने का अधिकार होगा कि वह परीक्षा कैसे देना चाहते हैं. छात्र अगर दो बार परीक्षा देते हैं तो जो उनका बेस्ट स्कोर होगा, उसे ही कंसीडर किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा बोर्ड के ड्राफ्ट के मुताबिक परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक आयोजित होगा.

नहीं होगी सप्लीमेंट्री परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े लोगों की मानें तो साल में दो बार परीक्षा का सिस्टम शुरू होने के बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म हो जाएगी. छात्र अगर किसी विषय में ठीक तरह से पेपर नहीं दे पाया है तो वह दूसरी बार होने वाली परीक्षा में वह पेपर दोबारा दे सकता है. इसमें छात्रों के पास ये भी अधिकार होगा कि वह किस पेपर को दोबारा देना चाहते हैं और किसे एक बार. जिस परीक्षा में उनके नंबर अच्छे होंगे उसी को माना जाएगा.