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केपीएस सरोना के विद्यार्थियों ने नीट 2025 में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

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ShivJun 14, 20252 min read

रायपुर। कृष्णा पब्लिक स्कूल (केपीएस), सरोना के विद्यार्थियों ने एनटीए…

युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षक साझा मंच का बड़ा ऐलान, 16 जून से काली पट्टी लगाकर करेंगे कार्य

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ShivJun 14, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तिकरण (Rationalisation) नीति के खिलाफ शिक्षक संगठनों…

कांग्रेस के खिलाफ ED जांच पर बोले सांसद बृजमोहन अग्रवाल, “जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा”

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ShivJun 14, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की…

रेत माफियाओं से टीआई का गठजोड़ आया सामने, SP ने एक्शन लेते हुए किया सस्पेंड

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ShivJun 14, 20252 min read

राजनांदगांव। राजनांदगांव में रेत माफियाओं के साथ गठजोड़ रखने वाले…

रायपुर रेलवे स्टेशन की पार्किंग में चाकूबाजी, तीन युवकों ने पार्किंग स्टाफ पर किया हमला

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ShivJun 14, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन की पार्किंग में शनिवार…

June 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

घरेलू काम के संग निरूपा साहू उड़ाती है अब ड्रोन, गांव में कहलाती है ड्रोन वाली दीदी

रायपुर।      महिलाएं अब घरों के भीतर चूल्हा- चौका के काम तक सीमित नही रह गई है। वे दिन प्रतिदिन नित नए आधुनिक कार्य को सीखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने का सतत प्रयास कर रही है। इन्ही प्रयासों में से एक बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम लाहोद निवासी निरूपा साहू अब गांव में ड्रोन वाली दीदी के नाम से जानी जाती है। निरूपा साहू बताती है की उनका मूल घर ग्राम करदा है। लेकिन हम लोग लाहोद में ही निवासरत है। मेरे पति नकुल प्रसाद साहू लवन जिला सहकारी सोसायटी में ऑपरेटर के रूप में कार्य करते हैं, हमारे दो लड़के हैं। दोनो लड़के अभी कक्षा चौथी और कक्षा दूसरी में पढ़ाई कर रहे है। मैं भी 12 वी तक पढ़ी हुई हूं। बचपन से ही मुझे बाहर जाकर कुछ काम करने का मन था ताकि मैं अपने पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर उनका सहयोगी बन सकूं और घर के खर्चों में अपना योगदान कर पाऊं। मैं बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई हूं, एक दिन कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ड्रोन चलाने वाले काम के बारे में बताया गया। मैंने इस कार्य में भविष्य की संभावनाएं को देखते हुए तत्काल हामी भरी।उसके बाद इफको कंपनी की सहायता से नमो ड्रोन दीदी की ट्रेनिंग लेने ग्वालियर इंस्टिट्यूट में गई थी। जहां मुझे 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिग के बाद आरपीसी लाइसेंस मिला है। वापस गांव आकर मैं ड्रोन दीदी के रूप में कार्य कर रही हूं।

निरूपा आगे बताती है कि अप्रैल में मुझे यह ड्रोन मिला है और तब से वह ड्रोन के माध्यम से किसानों के खेत में दवाई छिड़काव करने का कार्य कर रही है। 300 रूपये एकड़ के हिसाब से चार्ज लेती है। अब तक गांव के लगभग 80 एकड़ खेत में ड्रोन से दवाई छिड़काव कर चुकी है। जिससे मुझे 25 हजार रूपये की आमदनी हुई है। ड्रोन से ना केवल निरूपा साहू को फायदा हुआ है बल्कि किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिला है। किसान परमेश्वर वर्मा कहते है की पहले दवाई छिड़काव स्पियर से किया जाता था जिससे बहुत टाइम और खर्च अधिक लगता था। लेकिन ड्रोन के माध्यम से महज कुछ मिनटों में ही यह कार्य पूर्ण हो जाता हैं और दवाइयों का बेहतर रूप से छिड़काव हो जाता है।

गौरतलब है की केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत आने वाले चार वर्षों में 15 हजार स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा और कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव,फसलों में खाद डालना, फसल वृद्धि की निगरानी करना, बीज बोना आदि के लिए ड्रोन चलाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि नई प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कौशल प्रदान कर महिलाओं के लिए आजीविका के नए अवसर पैदा किया जा सके।