निकाह वैध नहीं, मैरिज एक्ट के तहत शादी मान्य : हाईकोर्ट

कोरबा। कटघोरा की एक युवती को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। तौशीफ मेमन नाम के युवक ने खुद को युवती का पति बताते हुए यह याचिका लगाई थी। इस पर हाई कोर्ट की और से गठित मध्यस्थता समिति ने रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि युवती अपने घरवालों के साथ नहीं, तौशीफ के साथ रहना चाहती है।
जांच में सामने आया कि दोनों ने कोलकाता में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी नहीं की, बल्कि तौशीफ के धर्म अनुसार मस्जिद में निकाह कराया गया था। इस पर हाई कोर्ट ने उस निकाह को वैध नहीं माना और युवती को कोरबा के सखी सेंटर भेजने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने साफ किया कि चूंकि दोनों बालिग हैं, इसलिए अगर वे साथ रहना चाहते हैं, तो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कानूनी रूप से शादी कर सकते हैं।
मालूम हो कि 21 अप्रैल 2025 को कटघोरा की एक छात्रा कॉलेज जाते वक्त लापता हो गई थी। घरवालों ने काफी तलाश की और फिर कटघोरा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। जांच में पता चला कि युवती को तौशीफ मेमन के साथ कोलकाता में देखा गया और वहां एक मस्जिद में निकाह भी कराया गया। पुलिस ने दोनों को वापस कोरबा लाकर पूछताछ की। पहले युवती को तौशीफ के घर भेजा गया, लेकिन हिंदू संगठनों के विरोध के बाद उसे सखी सेंटर और फिर शक्ति सदन में शिफ्ट किया गया। इसके बाद तौशीफ ने खुद को युवती का पति बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।