NHM कर्मचारी संघ ने मिशन संचालक, CMHO और BMO को लिखा पत्र, CR प्रक्रिया में द्वेषपूर्ण कार्यवाही पर आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने एक बार फिर कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करते हुए अपनी मांगों को लेकर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सीएमएचओ एवं बीएमओ को पत्र लिखा है. संघ ने वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (CR) प्रक्रिया को सुचारू, पारदर्शी और समयबद्ध रूप से लागू करने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वर्तमान में कई जिलों में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों की वार्षिक मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं देखी जा रही है। द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर कर्मचारियों का CR खराब किया जाता है। दुर्भावनापूर्ण इन्क्रीमेंट रोका जाता है, इससे न केवल कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है बल्कि उनकी वेतन वृद्धि और भविष्य की नियुक्तियों पर भी प्रतिकूल असर होता है।
डॉ. मिरी ने कहा, विगत वर्षों में कई जिलों मे दुर्भावनावश मानव संसाधन के इतर कई कर्मचारियों को निकाला गया था, जो उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनः वापस आए हैं. जब कोर्ट ने कर्मचारियों के विरुद्ध किए गए दुर्भावनापूर्ण कार्यावाही को गलत ठहराया है तो राज्य कार्यालय को इस दिशा में सभी सीएमएचओ को दिए गए कार्यदायित्वों के आधार CR मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, न कि दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही की.
संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने की जताई उम्मीद
संगठन ने मांग की है कि CR भरने की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय की जाए और सभी संबंधित अधिकारियों जैसे CMHO, BMO एवं अन्य जिला अधिकारी को इस बाबत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जाए. साथ ही संगठन ने यह भी सुझाव दिया है कि इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए मिशन स्तर पर एक सशक्त तंत्र विकसित किया जाए, जिससे कर्मचारियों को न्याय मिल सके. संघ ने आशा जताई है कि शासन इस संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेगा और कर्मचारियों के हित में त्वरित निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने कहा कि किसी भी जिला या ब्लॉक में विपरीत CR के प्रकरण बिना किसी ठोस कारण के पाए जाने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा.