Special Story

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025: बस्तर और सरगुजा में 13 नए ग्रामीण मार्गों का चयन, बस सेवा जल्द होगी शुरू

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025: बस्तर और सरगुजा में 13 नए ग्रामीण मार्गों का चयन, बस सेवा जल्द होगी शुरू

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025…

अवैध खनन पर सरकार का एक्शन, राजनांदगाव खनिज अधिकारी को किया सस्पेंड

अवैध खनन पर सरकार का एक्शन, राजनांदगाव खनिज अधिकारी को किया सस्पेंड

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। खनिज रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर प्रभावी…

June 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था को मिली नई दिशा

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक नया आयाम स्थापित किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीति के चलते आज प्रदेश का प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी तक कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह गया है। राज्य की एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है।

यह परिवर्तन युक्तियुक्तकरण के माध्यम से संभव हो सका है, जिसका उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग, शिक्षकों की तर्कसंगत पदस्थापना और शिक्षा के अधिकार अधिनियम व नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप शालाओं में आवश्यकता के अनुरुप शिक्षकों की पदस्थापना रहा है ।

गौरतलब है कि युक्ति -युक्त करण से पर्व प्रदेश में 453 विद्यालय शिक्षक विहीन और 5936 विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ था। विशेषकर सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में यह समस्या अधिक थी।

इस विसंगति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन चरणों में शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया चलाई। इसके परिणामस्वरूप, आज प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है और सभी हाई स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युक्ति- युक्तकरण के जरिये स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हमने यह ठान लिया था कि छत्तीसगढ़ में अब कोई बच्चा शिक्षक के बिना नहीं पढ़ेगा। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से हम न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत और समान शिक्षा प्रणाली की नींव भी रख रहे हैं। यह सिर्फ स्थानांतरण नहीं, यह शिक्षा में न्याय की पुनर्स्थापना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि एकल शिक्षकीय शालाओं की स्थिति में सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में है और आगामी महीनों में पदोन्नति और नई नियुक्तियों के माध्यम से इन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक भेजे जाएंगे।

राज्य सरकार अब उन 1207 प्राथमिक विद्यालयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां अभी भी एक शिक्षक है। इसके समाधान हेतु प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों की पदोन्नति, शिक्षकों की पदस्थापना तथा भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की रणनीति बनाई गई है।

राज्य में एकल शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालयों में बस्तर जिले में 283, बीजापुर 250,सुकमा 186,मोहला-मानपुर-चौकी 124,कोरबा 89, बलरामपुर 94,नारायणपुर 64,धमतरी 37,सूरजपुर 47,दंतेवाड़ा 11,अन्य जिले में मात्र 22 शालाएं है। इन शालाओं में जल्द ही आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षा को समावेशी बनाने और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर उपलब्ध कराना है। इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित किया है कि युक्तियुक्तकरण केवल प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है, जिसके केंद्र में हर बच्चा, हर गांव, हर स्कूल है।