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ShivJan 19, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पूरे देश…

सभी के लिए प्रेरणादायी है मन की बात कार्यक्रम : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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भोपाल।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की…

पगड़ी की जगह हेलमेट पहनकर निकले पांच दिव्यांग दूल्हे, बाराती बनी पुलिस

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धमतरी। धमतरी जिले में आज एक अनोखी शादी का आयोजन किया…

महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगी भयानक आग, फटे सिलेंडर, कई टेंट जलकर हुए खाक

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ShivJan 19, 20252 min read

प्रयागराज।  महाकुंभ मेला क्षेत्र के शास्त्री ब्रिज सेक्टर-19 कैंप में…

January 19, 2025

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बारनावापारा अभयारण्य में हुई तितलियों की नई प्रजातियों की खोज, मिला पारिस्थितिक तंत्र की समृद्धि और विविधता का संकेत…

बलौदाबाजार। बारनावापारा वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित बटरफ्लाई मीट के दौरान छात्रों, शोधार्थियों और पर्यावरणविदों ने तितलियों की ऐसी प्रजातियों की खोज की. इन नई प्रजातियों की पहचान से अभयारण्य की पारिस्थितिक तंत्र की समृद्धि और विविधता का संकेत मिलता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इन नई तितलियों का अध्ययन करने से पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी. 

बारनावापारा वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित बटरफ्लाई मीट के दौरान छात्रों और शोधकर्ताओं की टीम ने बटरफ्लाई के जीवन चक्र को पूरा होते देखा. मीट के समापन पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीता गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिवर्ज रायपुर सातोविशा समाजदार और डीएफओ मयंक अग्रवाल शामिल हुए.

बारनवापारा अभयारण्य में बटरफ्लाई मीट के आयोजन का उद्देश्य अभ्यारण्य के पारिस्थितिकी तंत्र और तितलियों की विविधता का अध्ययन करना था. इस मीट में छात्रों, पर्यावरणविदों और शोधकर्ताओं ने मिलकर तितलियों की विभिन्न प्रजातियों का सर्वेक्षण किया. वन विभाग का लक्ष्य न केवल तितलियों की नई प्रजातियों की पहचान करना था, बल्कि उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाना भी था.

मुख्य वन संरक्षक संजीता गुप्ता ने बताया कि हम प्रयास कर रहे हैं कि दिसंबर माह में बर्ड सर्वे का आयोजन हो. बारनवापारा अभ्यारण्य में पक्षी विहार बनाया गया है, जहां पर बड़ी संख्या में स्थानीय पक्षी हर समय मौजूद रहते हैं. इसके अलावा ठंड के मौसम में विदेशी पक्षियों का आगमन भी होता है, इसलिए इस बार पक्षियों की गणना भी की जाएगी. यह गणना दिसंबर और जनवरी माह के मध्य किया जाएगा. इस आयोजन में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा.

मुख्य वन संरक्षक सातोविशा समाजदार ने कहा कि जंगल को जंगल की तरह रखना जरूरी है. तितलियाँ और पक्षी वातावरण में होने वाले परिवर्तन की पहले ही सूचना दे देती है. आज पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसको बचाने के लिए जंगल का होना आवश्यक है, बगीचे से काम नहीं चलेगा. पशु-पक्षियों के साथ जंगल नितांत आवश्यक है.

बारनवापारा अभयारण्य के अधीक्षक आनंद कुदरया, परिक्षेत्र अधिकारी बारनवापारा सुनिल खोब्रागढ़े, परिक्षेत्र अधिकारी कोठारी जीवन लाल साहू, परिक्षेत्र सहायक बारनवापारा गितेश बंजारे, परिक्षेत्र सहायक रामपुर गोपाल प्रसाद वर्मा, पूर्णिमा वर्मा, नंद कुमार बघेल, नेहरू राम निषाद ने प्रतिभागियों को बारनवापारा अभयारण्य के अलग-अलग स्थानों का दौरा कराया गया.