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बस्तर संभाग में 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण, बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

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ShivJun 2, 20252 min read

रायपुर।   राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम…

काउंसिलिंग की तारीख बदली: शिक्षकों को आधार कार्ड/वोटर आईडी साथ लाना होगा अनिवार्य

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ShivJun 2, 20251 min read

रायपुर। युक्तियुक्तकरण की काउंसिलिंग की तिथि में बदलाव किया गया…

रेरा का बड़ा फैसला: प्रमोटर को 28 लाख रुपये ब्याज सहित लौटाने का आदेश, आवंटी को मिली राहत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने रियल एस्टेट…

कर चोरी करने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्यवाही

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ShivJun 2, 20252 min read

रायपुर। मेसर्स अरिहंत स्टील नारायणपुर जिला नारायणपुर के व्यवसाय स्थल…

June 3, 2025

Apni Sarkaar

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अपराध रोकने नई पहल : छत्तीसगढ़ की सभी जेलों में क्यूआरटी का गठन, कैदियों की बनी प्रोफाइल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जेलों के बंदियों के मध्य अपराधी घटनाओं को रोकने और घटना उपरांत त्वरित कार्रवाई के लिए जेल मुख्यालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों द्वारा विभिन्न कार्यवाहियां की गई हैं. सभी जेलों में क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया है. कोई भी अप्रिय घटना होने पर क्यूआरटी द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए नियमित रूप से मॉक-ड्रिल और रिहर्सल भी किया जा रहा है.

अपराधी घटनाएं रोकने के लिए कैदियों की व्यवहार प्रोफाइलिंग तैयार की गई है. कैदियों की विभिन्न अपराधियों तथा अपराधी समूहों से संबद्धता एवं इतिहास पर नजर रखी जा रही है.

बंदियों का हिंसक व्यवहार रोकने के लिए तथा रचनात्मक अभिरुचि बढ़ाए जाने के लिए बंदियों के लिए शैक्षिक प्रशिक्षण, रोजगारोन्मुखी व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण और जीवन कौशल संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इससे बंदियों के मध्य तनाव में कमी आई है.

साथ ही बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, थेरेपी और परामर्श भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके माध्यम से अपराध के सामाजिक-आर्थिक कारकों को भी संबोधित किया जा रहा है. बंदियों के परिवारों के साथ स्वस्थ रिश्तों को बढ़ावा दिया जा रहा है. सामाजिक समर्थन प्रणालियां प्रदान करने के लिए प्रक्रिया विकसित की गई है. इससे बंदियों के रिहा होने पर अपराधी जीवन में पुनः प्रवेश करने की संभावना में कमी आएगी.

सकारात्मक संलग्नता बढ़ाने के लिए बंदियों को मनोरंजन गतिविधियां और खेल सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं. इससे बंदियों के मध्य टीम-वर्क और सहयोग को बढ़ावा मिला है. बंदियों को योग, ध्यान तथा काउंसलिंग प्रदान की जा रही है. बंदियों के मध्य समरसता बढ़ाए जाने के उद्देश्य से मध्यस्थ नियुक्ति किए गए हैं तथा उनके द्वारा बंदियों से सतत संवाद रखा जा रहा है.

सूचना तंत्र को मजबूत किया गया है. निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी इत्यादि का सहारा लिया जा रहा है. जेल कर्मियों को जेल नियमावली का पालन करने तथा मेहनत, लगन और ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.