Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

7 कृषि व उद्यानिकी कॉलेजों में तैयार होंगे नये भवन, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने स्वीकृत किये 104 करोड़

रायपुर।     वित्त विभाग ने राज्य के सात कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालयों के भवन एवं छात्रावास निर्माण के लिए 104 करोड़ 41 लाख की राशि स्वीकृत की है। यह राशि चपका, जिला बस्तर, सीतापुर जिला अंबिकापुर, रामानुजगंज, जिला बलरामपुर, चिरमिरी, शंकरगढ़, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, प्रतापपुर, जिला सूरजपुर और पखांजूर जिला कांकेर के महाविद्यालयों को प्रदान की गई है।

वित्त विभाग ने कृषि विभाग के प्रस्ताव पर राज्य के दूरस्थ और आदिवासी इलाकों के 7 कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालयों के लिए नए भवन निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत बस्तर, चपका के शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय में कॉलेज व भवनों के निर्माण के लिए 14 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि को मंजूरी दी है। इसी तरह शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय सीतापुर, शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय रामानुजगंज, शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय चिरमिरी में कॉलेज भवन एवं छात्रावास भवन निर्माण के लिए सभी को 14 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। शासकीय कृषि महाविद्यालय शंकरगढ़, शासकीय कृषि महाविद्यालय प्रतापपुर और शासकीय कृषि महाविद्यालय पखांजूर के लिए 14 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

उल्लेखनीय है कि भवनों के निर्माण से महाविद्यालयों में शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार होगा और विद्यार्थियों को बेहतर आवासीय सुविधा प्राप्त होगी। राज्य में कृषि और उद्यानिकी शिक्षा को सशक्त बनाने और छात्रों के लिए एक सुरक्षित व प्रेरणादायक वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक और सुविधाजनक आवासीय सुविधाएं प्रदान करना है।