Special Story

छत्तीसगढ़ स्वामी आत्मानंद संविदा शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों प्रदेश स्तरीय बैठक सम्पन्न

छत्तीसगढ़ स्वामी आत्मानंद संविदा शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों प्रदेश स्तरीय बैठक सम्पन्न

ShivJun 14, 20252 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्वामी आत्मानंद संविदा शिक्षक एवं कर्मचारी संघ का…

निगम ने गोकुल नगर नया सवेरा स्कूल के पास अवैध निर्माण पर लगाई रोक

निगम ने गोकुल नगर नया सवेरा स्कूल के पास अवैध निर्माण पर लगाई रोक

ShivJun 14, 20251 min read

रायपुर। आज नगर पालिक निगम रायपुर के जोन 7 नगर…

BSP कर्मी की हत्या की कोशिश, हमलावर गिरफ्तार

BSP कर्मी की हत्या की कोशिश, हमलावर गिरफ्तार

ShivJun 14, 20252 min read

दुर्ग। पुलिस ने भिलाई स्टील प्लांट में काम करने वाले…

हाईकोर्ट ने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने पर जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने पर जताई नाराजगी

ShivJun 14, 20251 min read

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और…

पड़ोसी को मौत के घाट उतारने वाला युवक गिरफ्तार

पड़ोसी को मौत के घाट उतारने वाला युवक गिरफ्तार

ShivJun 14, 20252 min read

जगदलपुर। युवक ने अपने पड़ोसी के तानों से तंग आकर…

June 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

युक्तियुक्तकरण में लापरवाही बरतना पड़ा भारी, बीईओ शेख रफीक हुए निलंबित, आदेश जारी

दंतेवाड़ा।  छत्तीसगढ़ में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में लापरवाही बरतना गीदम बीईओ शेख रफीक को भारी पड़ा. मामला सामने आने के बाद बीईओ के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में कलेक्टर कार्यलय से आदेश जारी किया गया है. 

विकासखंड गीदम के बीईओ शेख रफीक पर युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. जांच में सामने आया कि उन्होंने कुटरचना करते हुए जानबूझकर विकासखंड की 31 आश्रम शालाओं के रिक्त पदों को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से अलग रखा, जिससे 20 शिक्षकों को अन्य संस्थानों में काउंसलिंग के माध्यम से संस्था चुननी पड़ी. इसके अलावा शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में मनमाने तरीके से फेरबदल किया गया. आश्रम अधीक्षकों को अतिशेष से मुक्त रखा जाना था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया. वहीं विशिष्ट संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों और शासन के निर्देशानुसार दिव्यांग व्यक्तियों को भी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से अलग रखा जाना था, लेकिन बीईओ ने इन्हें भी प्रक्रिया में शामिल कर दिया. विशेष रूप से दृष्टिबाधित शिक्षक राजकुमार जैन को अतिशेष सूची में डाल दिया गया, जो स्पष्ट रूप से नियमों के विपरीत है. 

इन सभी गंभीर लापरवाहियों के कारण बीईओ का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 (1), (2) और (3) का उल्लंघन पाया गया है. शासन ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा नियत किया गया है. इस अवधि में वे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते के पात्र होंगे. 

देखें आदेश की कॉपी :-