Special Story

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

ShivMay 15, 20251 min read

धमतरी। धमतरी के चमेंदा जंगल में जारी नक्सल विरोधी सर्च…

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

ShivMay 15, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है।…

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे एम्स, नक्सल हमले में घायल जवानों का जाना हालचाल

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे एम्स, नक्सल हमले में घायल जवानों का जाना हालचाल

ShivMay 15, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कर्रेगुट्‌टा की पहाड़ी पर सुरक्षा…

बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

ShivMay 15, 20252 min read

रायपुर।    राज्य शासन ने जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

प्रदेश में नक्सलवाद गिन रहा अंतिम सांस, नक्सल मुक्त घोषित कबीरधाम जिला में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताई रणनीति…

कवर्धा। राज्य में भाजपा सरकार को अभी महज 14 माह ही हुए हैं. इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार ने मिलकर प्रदेश भर में नक्सलियों के खिलाफ एक व्यापक मुहिम छेड़ी है, जिसका परिणाम है कि कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सल मुक्त जिला घोषित किया गया है. जिले में नक्सलियों को नेस्तनाबूत करने 9 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. इसका नतीजा है कि पिछले एक-दो वर्षों में जिले में कोई बड़ी नक्सली घटना सामने नहीं आई है.

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और स्थानीय विधायक विजय शर्मा कबीरधाम जिले के नक्सलमुक्त घोषित होने का श्रेय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव को दे रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह का यह संकल्प था. कई बड़े फैसले लिए गए. अब नक्सलिज्म समापन का दौर है. उन्होंने एक बार फिर से नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्य धारा से जुड़ने की अपील की.

कबीरधाम जिला नक्सलियों के एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में आता है. प्रदेश की सीमाएं मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला जिलों से लगती हैं, जहां आज भी नक्सली सक्रिय हैं. हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में दो इनामी महिला नक्सली मारी गई थीं.

कबीरधाम पुलिस ने जिले के बेंदा, कोयलारझोरी, खेलाही, कबीरपथरा समेत कुल 9 स्थानों पर सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, जहां जवान चौबीसों घंटे गश्त और सर्च ऑपरेशन में लगे रहते हैं. कई बार मुठभेड़ भी हो चुकी है, जिसमें नक्सली मारे गए हैं. अब तक दर्जनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज सेवा की राह अपनाई है.

पुलिस की ठोस कारगर नीति का असर

इसके अलावा पुलिस की मौजूदगी ने ग्रामीणों के बीच विश्वास भी बढ़ाया है. गांव-गांव में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर पुलिस सक्रिय नक्सलियों की तस्वीरें सार्वजनिक कर ग्रामीणों को सतर्क कर रही है. यदि सरकार इन सुरक्षा कैंपों को बंद कर जवानों को वापस बुलाती है, तो यह फैसला नक्सलियों की गतिविधियों को फिर से बढ़ावा दे सकता है, और ग्रामीणों में डर का माहौल बना सकता है.

सुरक्षा के साथ-साथ पुलिस सामाजिक कार्यों में भी जुटी है – नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, और खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है. यह प्रयास नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है.

देखिए वीडियो –