Special Story

पिकनिक मनाने मरौदा डैम गए थे चार दोस्त, दो युवकों की डूबने से मौत

पिकनिक मनाने मरौदा डैम गए थे चार दोस्त, दो युवकों की डूबने से मौत

ShivJun 3, 20251 min read

दुर्ग। भिलाई के मरौदा डैम में डूबने से दो युवकों की…

जमीन मुआवजा घोटाला में तत्कालीन SDM निलंबित, राज्य सरकार ने जारी किया गया आदेश

जमीन मुआवजा घोटाला में तत्कालीन SDM निलंबित, राज्य सरकार ने जारी किया गया आदेश

ShivJun 3, 20251 min read

रायपुर। बिलासपुर जिले में बहुचर्चित अरपा-भैंसाझार-चकरभाठा में भू-अर्जन में किये गये…

June 3, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बड़े ऑपरेशन से हिला नक्सल संगठन: प्रेस नोट जारी कर की बसव राजू समेत 28 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि, कहा- गद्दारों की वजह से उठाना पड़ा इतना बड़ा नुकसान

सुकमा। नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अड्डे पर सुरक्षा बलों ने बीते दिनों अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऐतिहासिक मुठभेड़ में कुल 28 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 10 करोड़ के इनामी और बहुचर्चित माओवादी नेता बसव राजू उर्फ केशव राव भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद नक्सल संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर बसव राजू की मौत की पुष्टि की है और मुठभेड़ के लिए अपने ही कुछ साथियों को जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिस को 6 महीने पहले से बसव राजू के ठिकाने की जानकारी

बता दें कि संगठन ने प्रेस नोट में यह दावा किया है कि बसव राजू की माड़ इलाके में मौजूदगी की जानकारी पुलिस को छह महीने पहले ही मिल गई थी। इस दौरान उसकी सुरक्षा में लगे कुछ महत्वपूर्ण सदस्य और यूनिफाइड कमांड से जुड़े नेता पुलिस से जा मिले और गद्दार बन गए।

प्रेस नोट में बताया गया है कि माड़ आंदोलन को गाइड करने वाले यूनिफाइड कमांड के सदस्य, सीवीपीसी मेंबर सहित छह नक्सली पिछले डेढ़ महीने में आत्मसमर्पण कर चुके थे। इन गद्दारों ने पुलिस को लगातार गोपनीय जानकारी दी और ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे सुरक्षा बलों को इतनी बड़ी सफलता मिली।

नक्सल प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट में बसव राजू (बीआर दादा), कामरेड मधु, चंदन, सजंति समेत अन्य नक्सलियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि संगठन उनके अधूरे इरादों को पूरा करने का संकल्प लेता है। साथ ही संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि यह ऑपरेशन जल-जंगल-जमीन से जनता को बेदखल कर खनिज संपदा को कॉरपोरेट हाथों में सौंपने की साजिश का हिस्सा है।

नक्सलियों ने यह भी स्वीकार किया कि जनवरी और मार्च में दो बार बसव राजू को निशाना बनाकर अभियान चलाया गया था, लेकिन वे विफल रहे थे। अंततः गद्दारों की वजह से मई में चलाए गए अभियान में सुरक्षा बलों को अभूतपूर्व सफलता मिली।

देखें नक्सलियों की ओर से जारी प्रेस नोट