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ShivJun 15, 20251 min read

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June 15, 2025

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“नटवर स्कूल ही था विकल्प, फिर भी हार नहीं मानी” – मुंगेली में CM साय ने बचपन के संघर्ष को किया याद, बच्चों को दिए डिजिटल युग में सफल होने के सूत्र

मुंगेली।  जिला ग्रंथालय में आज शिक्षा और संघर्ष की प्रेरक कहानी उस समय सामने आई, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 29.90 लाख रुपये की लागत से निर्मित अतिरिक्त अध्ययन कक्ष का लोकार्पण किया. कार्यक्रम में उन्होंने न केवल शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला, बल्कि अपने छात्र जीवन के अनुभव भी युवाओं से साझा किए.

मुख्यमंत्री साय ने अपने बचपन के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि मेरे समय में अविभाजित रायगढ़ जिले में पढ़ाई के बहुत सीमित अवसर थे. नटवर स्कूल ही एकमात्र विकल्प था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. सीमित साधनों के बावजूद निरंतर प्रयास किया और वही मेरी ताकत बन गई.

मुख्यमंत्री के साथ मंच पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, सहित अन्य उपस्थित रहे. युवाओं और विद्यार्थियों ने तालियों की गड़गड़ाहट और पुष्पगुच्छों से मुख्यमंत्री का स्वागत किया.

डिजिटल युग और सोशल मीडिया पर युवाओं के सवाल

कार्यक्रम के दौरान एक छात्र ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर सवाल किया. जवाब में सीएम साय ने कहा कि “डिजिटल युग में अच्छाई को अपनाना और बुराई से दूर रहना ही सफलता की कुंजी है. तकनीक को साधन बनाएं, साध्य नहीं.” उन्होंने युवाओं को सतर्क रहने और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने की सलाह दी.

विद्यार्थियों के लिए जीवन मंत्र और प्रेरणा

मुख्यमंत्री साय ने आदर्श विद्यार्थी के पांच लक्षण “काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा, अल्पाहारी, गृहत्यागी” का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को अनुशासन, एकाग्रता और परिश्रम को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व के समग्र विकास का आधार है.

टॉपर्स का सम्मान और प्रेरक सौगातें

कार्यक्रम में कक्षा 10वीं और 12वीं में राज्य व जिला स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. स्थानीय कलाकार तोप सिंह कुंभकार ने मुख्यमंत्री को उनका हस्तनिर्मित छायाचित्र भेंट किया. साथ ही भगवद्गीता, पुस्तिका और अन्य स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए.

ग्रंथालय की विशेषताएं और शैक्षणिक नवाचार

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘प्रयास’ और ‘नालंदा परिसर’ जैसे नवाचारी शैक्षणिक प्रयासों की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार हर जिले में आधुनिक ग्रंथालय स्थापित कर रही है, ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन का प्रेरणादायक माहौल मिले. मुंगेली जिला ग्रंथालय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल अध्ययन का स्थल नहीं, बल्कि सफलता की नींव रखने का केंद्र बन चुका है. वर्तमान में यहां 4780 से अधिक पुस्तकें, 32 अध्ययन टेबल, 11 सीसीटीवी कैमरे और 6 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं. 893 पंजीकृत छात्र यहां नियमित अध्ययन कर रहे हैं. ग्रंथालय प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है.