Special Story

पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जम्मू के कई इलाकों में की फायरिंग

पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जम्मू के कई इलाकों में की फायरिंग

ShivMay 10, 20251 min read

जम्मू-कश्मीर।  युद्ध विराम पर सहमति के कुछ देर बाद ही…

पुराने PHQ कार्यालय के सामने चाकूबाजी, एक जवान ने दूसरे को मारा चाकू

पुराने PHQ कार्यालय के सामने चाकूबाजी, एक जवान ने दूसरे को मारा चाकू

ShivMay 10, 20251 min read

रायपुर। राजधानी के सिविल लाइन स्थित पुराने PHQ में शनिवार…

May 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

नेशनल लोक अदालत : 17 हजार से अधिक मामलों का हुआ निराकरण

मुंगेली। न्यायिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया जब वर्ष 2025 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिलेभर में सफलता के साथ संपन्न हुआ। जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय और राजस्व न्यायालयों में संयुक्त रूप से आयोजित इस विशेष लोक अदालत में न्याय के द्वार आमजन के लिए सहज और सुलभ बने। परिवार न्यायालय में आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचाया गया। वहीं पति की सड़क दुर्घटना में मौत मामले में पत्नी को 5 साल बाद मुआवजा मिला।

सुबह 10:45 बजे जिला न्यायालय मुंगेली में गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलन कर नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया, जिसमें कुल 17,371 मामलों का समाधान हुआ। 51 लाख से अधिक की राशि पर सहमति इस एक दिवसीय आयोजन में कुल 21,655 प्रकरणों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 17,371 प्रकरणों का आपसी सहमति एवं समझौते के आधार पर समाधान किया गया। इस दौरान 51,13,673 रुपए की अवार्ड राशि तय की गई, जिससे आम नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय की अनुभूति हुई।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 1,832 प्रकरणों में से 1,438 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 50,45,772 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। वहीं प्री-लिटिगेशन यानी मुकदमा दायर होने से पहले सुलझाए गए 15,933 मामलों में 67,931 रुपये की राशि का समझौता हुआ। जिला न्यायालय में 6, तहसील न्यायालय लोरमी में 1 और राजस्व न्यायालय में 8 खंडपीठ गठित कर कार्यवाही संचालित की गई।

परिवार न्यायालय में पति-पत्नी के बीच हुई सुलह

नेशनल लोक अदालत का एक संवेदनशील पहलू उस वक्त सामने आया जब न्यायाधीश राजीव कुमार की पीठ ने एक दांपत्य विवाद में पति-पत्नी के बीच सुलह करवाई। काउंसलिंग के माध्यम से दोनों पक्षों को साथ रहने की समझाइश दी गई और आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचा लिया गया।

5 साल बाद महिला को मिला न्याय

लोक अदालत के दौरान एक भावनात्मक क्षण तब आया जब संगीता सिंह क्षत्रिय नामक महिला को उनके पति की सड़क दुर्घटना से जुड़े 5 साल पुराने मुआवजा मामले में राहत मिली। वर्षों से न्यायालय के चक्कर काट रही संगीता ने आज चैन की सांस ली। मामले का निपटारा स्वयं जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरिजा देवी मेरावी ने कराया और फलदार पौधा भेंट कर संगीता को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। नेशनल लोक अदालत ने यह सिद्ध कर दिया कि न्याय केवल कठोर कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि संवाद, समझौता और सद्भाव से भी हासिल किया जा सकता है।