Special Story

छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में अब रिश्वत लेकर सेटिंग नहीं कर पाएंगे टीटीई…

छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में अब रिश्वत लेकर सेटिंग नहीं कर पाएंगे टीटीई…

ShivMay 14, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों में अब टीटीई रिश्वत…

सट्टा रैकेट का भंडाफोड़ : सट्टा किंग पार्षद और उसका पिता गिरफ्तार, पाकिस्तान और दुबई से निकला कनेक्शन

सट्टा रैकेट का भंडाफोड़ : सट्टा किंग पार्षद और उसका पिता गिरफ्तार, पाकिस्तान और दुबई से निकला कनेक्शन

ShivMay 14, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर में सट्टेबाजी के खिलाफ जारी अभियान के तहत…

कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर मारे गए 26 नक्सली, लाखों रुपए का घोषित था इनाम

कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर मारे गए 26 नक्सली, लाखों रुपए का घोषित था इनाम

ShivMay 14, 20252 min read

बीजापुर।  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा…

गोपनीय सैनिक ने रायफल से खुद को मारी गोली, अस्पताल में तोड़ा दम, जांच में जुटी पुलिस

गोपनीय सैनिक ने रायफल से खुद को मारी गोली, अस्पताल में तोड़ा दम, जांच में जुटी पुलिस

ShivMay 14, 20251 min read

सुकमा। सुकमा जिले में गोपनीय सैनिक के तौर पर पदस्थ जवान…

May 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

जल विजन 2047 पर राज्यों के जल मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन: डिप्टी CM साव ने राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों पर दी जानकारी, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप बोले-

रायपुर। भारत सरकार के ‘जल विजन 2047’ के तहत राज्यों के जल मंत्रियों का द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन उदयपुर में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों ने जल संरक्षण, जल प्रबंधन और भविष्य की जल नीति को लेकर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने की। सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केंद्रीय राज्य मंत्री चौधरी, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित अन्य राज्यों के जल संसाधन मंत्रीगण मौजूद थे।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छत्तीसगढ़ राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने राज्य में जल प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि जनभागीदारी जल संचय में छत्तीसगढ़ राज्य देश में अव्वल स्थान पर है। राज्य में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए दो लाख से अधिक संरचनाएं निर्मित की गई हैं। हम जिस राज्य छत्तीसगढ़ से हैं, वह राज्य प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। वनों से आच्छादित दंडकारण्य क्षेत्र छत्तीसगढ़ में है। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास का सर्वाधिक 10 साल छत्तीसगढ़ में व्यतीत किए हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है, यहां 44 प्रतिशत से अधिक भू-भाग में वन हैं। छत्तीसगढ़ राज्य का उत्तरी और दक्षिणी भाग पठारी और वनों से आच्छादित है। राज्य का मध्य हिस्सा मैदानी है। इस कारण राज्य में जल उपलब्धता असमान है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए जल संरक्षण और प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ जल नीति 2022 के तहत जल संसाधनों का वैज्ञानिक और सतत विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा, भूजल अधिनियम 2022 लागू किया गया है और भूजल नियामक प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जल संकट से निपटने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई, पाइप सिंचाई नेटवर्क, जलग्रहण क्षेत्र विकास और जल-जागर अभियान को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में गंगरेल डेम रविशंकर जलाशय से रायपुर और धमतरी की जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।

मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि ‘जल विजन 2047’ के तहत राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सिंचाई क्षमता 37.82 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। जल भंडारण 7900 मिलियन घन मीटर से बढ़ाकर 16,000 मिलियन घन मीटर तक ले जाना तथा औद्योगिक जल उपयोग 2208 मिलियन घन मीटर से 6000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाना है। पेयजल आपूर्ति 584 मिलियन घन मीटर से 2094 मिलियन घन मीटर तथा भूजल निकासी 5757 मिलियन घन मीटर से 8000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि जल संसाधनों का सतत उपयोग आवश्यक है। उन्होंने राजस्थान के वाटर बैंक मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि जल संरक्षण को लेकर सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने अंत में सभी राज्यों से अपील की कि वे जल संसाधनों का सतत और वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में जल संकट को टाला जा सके।