Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में हुआ राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण- 81 हजार से अधिक छात्रों की दक्षताओं का हुआ समग्र मूल्यांकन

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर केन्द्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश भर में एक साथ राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 में कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमी की 3409 स्कूल से 81 हजार 179 विद्यार्थियों की दक्षताओं का समग्र मूल्यांकन किया गया।

इस परख सर्वेक्षण का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ शिक्षकों, स्कूलों और पूरी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता का आकलन करना है। यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप छात्रों की बुनियादी और मध्य स्तर की क्षमताओं का आकलन करता है। प्राप्त परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता की रैंकिंग की जाएगी।

छत्तीसगढ़ में किए गए सर्वेक्षण में कक्षा तीसरी के 1199 स्कूलों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कुल 24 हजार 379 विद्यार्थी शामिल हुए। इसी प्रकार कक्षा छठवीं के 1065 स्कूल से 25 हजार 665 विद्यार्थी और कक्षा नवमी के 1145 स्कूल से 31 हजार 135 विद्यार्थी शामिल हुए। इस प्रकार कुल 3409 स्कूलों से कुल 81 हजार 179 विद्यार्थी परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 में शामिल हुए।

गौरतलब है कि इस बार परख (PARAKH- प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण) नाम दिया गया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य बच्चों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मापदंड स्थापित करना है। इस बार सर्वेक्षण कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमी के छात्रों पर केंद्रित रहा, जो उनके पिछले कक्षाओं में अर्जित दक्षताओं पर आधारित था। परीक्षा में प्रश्न ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में रखा गया था।