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IML 2025 FINAL: इंडिया मास्टर्स ने वेस्टइंडीज मास्टर्स को 6 विकेट से हराया

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ShivMar 16, 20252 min read

रायपुर। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली इंडिया मास्टर्स ने इंटरनेशनल मास्टर्स…

होली पर प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

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ShivMar 16, 20251 min read

बालोद।  जिले में युवक और युवती की आत्महत्या का मामला…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री श्री यादव के पिता के निधन पर दी श्रद्धांजलि

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ShivMar 16, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार सुबह केंद्रीय पर्यावरण,…

March 17, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

‘लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग’ के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ

रायपुर।     छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए इसे प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया।

गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय से आज मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थीं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है। इसके बाद जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है। इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है, इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी तथा पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

मधेश्वर पहाड़ : प्रकृति और आस्था का संगम

जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर स्थित मधेश्वर पहाड़, शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं।

पर्यटन और रोमांच का केंद्र

मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव करते हैं। जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएँ मौजूद हैं।