Special Story

मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

ShivMay 16, 20252 min read

रायपुर।   बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पर्वत की…

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

ShivMay 16, 20252 min read

रायपुर।    सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

ShivMay 16, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले…

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

ShivMay 16, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से…

May 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों को छूट की रहस्यमय कहानी: स्टील उत्पादकों ने ऊर्जा प्रभार में बड़ी छूट से बढ़ाया मार्जिन, लोहे का भाव 34 हजार से बढ़कर पहुंचा 53 हजार

रायपुर। सरकारें जब किसी उद्योग को जब कोई रियायत, छूट या सब्सिडी देती हैं तो उनका प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उत्पादन बढ़े और इसका अंतिम लाभ आम जनता को वह वस्तु सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके लेकिन छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में उल्टी गंगा ही बहाई गई। विगत 5 वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो इस मामले में बड़ी विरोधाभाषी तस्वीर नजर आती है। स्टील उत्पादकों ने उत्पादन तो बढ़ाया लेकिन दाम कम होने की बजाय बढ़ते चले गये। वर्ष 2018-19 में जहां 100 मिलियन टन उत्पादन पूरे देश में हुआ था और दर 33,833 रू. प्रति टन थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 53,036 रू. प्रति टन हो गई।

यह दिलचस्प कहानी छत्तीसगढ़ के संदर्भ में विशेष तौर पर मौजूद है क्योकिं इसमें स्टील उद्योगपतियों के खाते में लाभ का मार्जिन बढ़ाने में मुख्य भूमिका तत्कालीन राज्य सरकार ने निभाई है। छत्तीसगढ़ राज्य इस बात के लिए प्रसिद्ध है कि देश के कुल स्टील उत्पादन का 30 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में ही होता है। छत्तीसगढ़ में देश की सर्वाधिक गुणवत्ता वाली लौह अयस्क खदानें है। आम जनता को यह अपेक्षा रहती है कि हमारी खदानों, हवा, पानी और सरकारी मदद का लाभ जनता को सस्ते लोहे के रूप में मिले। लेकिन पूर्व राज्य सरकार का गड़बढ़झाला सामने आते ही लोग हैरान-परेशान हो रहे है। देश में स्टील उत्पादन के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ के 30 प्रतिशत का आकलन किया जा सकता है।

गौरतलब है कि भारत में वर्ष 2017-18 में 100 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 33,833 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2019-20 में 104 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 34,198 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2020-21 में 112 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 45,072 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2021-22 में 118 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 51,089 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2022-23 में 125 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 53,036 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2023-24 में 142 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 50,109 रू. प्रति टन थी।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में अचानक और आश्चर्यजनक ढंग से जो टैरिफ आदेश जारी किया गया था उसमें लोड फैक्टर छूट को अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। इसके कारण स्टील उत्पादकों को प्रति वर्ष लगभग 750 करोड़ रु. का अतिरिक्त लाभ मिला था लेकिन प्रदेश में स्टील की दरों में कमी के बदले डेढ गुना तक वृद्धि की गई थी।