छत्तीसगढ़ में पत्रकार के परिवार की हत्या: पुलिस ने 23 आरोपियों को किया गिरफ्तार, जल्द हो सकती है कई और लोगों की गिरफ्तारी
सूरजपुर। जिले के खड़गवा चौकी क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव में शुक्रवार को संपत्ति विवाद की वजह से पत्रकार संतोष कुमार टोपो के परिवार के तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। कत्ल की इस वारदात के बाद पूरे इलाके में सनसनी मच गई थी, मामले में पुलिस ने अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है, ऐसे में यदि इस वारदात से जुड़े और नाम भी सामने आते हैं तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, जगन्नाथपुर के डूबकापारा में संयुक्त खाते की जमीन को लेकर पत्रकार के परिवार के बीच विवाद चल रहा था। विवादित जमीन पर उमेश टोप्पो, नरेश टोप्पो (30 वर्ष), उनकी मां बसंती टोप्पो (55 वर्ष) और पिता माघे टोप्पो (57 वर्ष) के साथ खेती करने पहुंचे। इस दौरान दोपहर करीब 1 बजे माघे टोप्पो के रिश्तेदार भाई के परिवार समेत 25 से ज्यादा लोग वहां पहुंच गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच खेती को लेकर विवाद हो गया, जो कुछ ही देर में हिंसक झड़प में बदल गया।
इस दौरान, दूसरे पक्ष ने माघे टोप्पो के परिवार पर कुल्हाड़ी, फावड़ा और लाठियों से हमला कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने से बसंती टोप्पो और नरेश टोप्पो की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं माघे टोप्पो गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर हालत में माघे टोप्पो को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया। हमले के दौरान संतोष के दूसरे भाई उमेश टोप्पो ने भागकर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच में जुट गई। बताया जा रहा है कि विवादित जमीन जगन्नाथपुर कोयला खदान के सामने है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिस जमीन को लेकर यह हत्याकांड हुआ, उस पर पहले पत्रकार संतोष के चाचा का परिवार खेती करता था।
बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हुई थी हत्या
बताते चलें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 3 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनका शव एक ठेकेदार के ठिकाने से सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। मुकेश चंद्राकर ने एक सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके बाद उनका शव चट्टनपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। वे 1 जनवरी से लापता थे।