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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश में नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने…

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भव्य एवं धूमधाम से मनाया जायेगा “रथयात्रा महोत्सव” : पुरन्दर मिश्रा

ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर…

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने EVM-VVPAT वेयरहाउस का किया त्रैमासिक निरीक्षण

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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने सोमवार को रायपुर…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा…

June 9, 2025

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नगर निगम ने हाईकोर्ट में दिया शपथ पत्र, कहा- 100% ट्रीटमेंट किया हुआ पानी अरपा में नहीं छोड़ा जा सकता… नामंजूर हुआ शपथ पत्र, अगली सुनवाई अब 2 को

बिलासपुर।    अरपा के उद्गम स्थल के संरक्षण को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई.  इस दौरान नगर निगम ने 100% पानी को ट्रीटमेंट करके अरपा नदी में प्रवाहित करने से मना कर दिया. शपथ पत्र पेश कर बिलासपुर नगर निगम ने बताया कि वह सिर्फ 60% पानी को साफ करने में सक्षम है. बाकी 40% पानी को बिना साफ किए ही नदी में छोड़ा जाएगा, इसका कोई उपाय भी नहीं है. जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई अब 2 दिसंबर को होगी.

हाईकोर्ट में अरपा नदी के उद्गम स्थल के संरक्षण को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई है. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान बिलासपुर नगर निगम ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर बताया, कि उनके पास अभी जो पूरा सिस्टम मौजूद है उसमें सिर्फ 60% पानी को ही स्वच्छ करने की क्षमता है. बाकी 40% पानी बिना ट्रीटमेंट और सफाई के अरपा नदी में छोड़ दिया जाएगा. बाकी पानी का ट्रीटमेंट के सवाल पर निगम के अधिकारियों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता कोई जवाब नहीं दे पाए. जिसके चलते डिवीजन बेंच ने निगम के द्वारा पेश शपथ पत्र को नामंजूर करते हुए नए सिरे से एक नया शपथ पत्र पेश करने कहा.

कोर्ट ने कहा- नए शपथ पत्र में विस्तृत कार्य योजना की जानकारी दी जाए. साथ ही डिवीजन बेंच ने पेंड्रा में अरपा नदी के उद्गम स्थल को संवारने के लिए चल रहे कार्यों को लेकर जीपीएम कलेक्टर को निर्देशित किया कि संवर्धन स्थल पर कार्यों की प्रगति से अदालत को निरंतर अवगत कराया जाए.